लोमेश कुमार गौर, हरदा(मध्यप्रदेश)। यहां के आदिवासी ग्राम रतनपुर के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए जिंदगी दांव पर लगाना पड़ रही है। माचक नदी में रोजाना ट्यूब की नाव के सहारे यह बच्चे अपने गांव से मगरधा स्कूल जाते हैं। इन बच्चों को ट्यूब पर सवार होते ही डर तो लगता है, लेकिन पढ़ाई के लिए बच्चे और उनके पालक जोखिम ले रहे हैं। जिला मुख्यालय से करीब 27...
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1 स्कूल, 2 शिक्षक और 3 विद्यार्थी
कोरबा। पुनर्वास ग्राम वैशालीनगर में संचालित प्राथमिक शाला में अध्ययरत महज तीन बच्चों के लिए दो शिक्षाकर्मी पदस्थ हैं। इसमें भी कभी एक बच्चा ही पढ़ने आता है, तो कभी एक भी नहीं। ऐसे में दोनों शिक्षाकर्मी यहां हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं। दूसरी ओर जिले में 236 स्कूल ऐसे हैं, जहां पांच कक्षाओं के लिए केवल एक शिक्षक ही पदस्थ हैं। यह माजरा कुसमुंडा के ग्राम वैशालीनगर का...
More »किताबों की जगह हाथ में झाड़ू, बेटियों को करनी पड़ती है सफाई
सीकर. शिक्षा विभाग की डाइस डाटा रिपोर्ट में सरकारी शिक्षा के चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में पहली कक्षा में दाखिला लेने वाले 100 स्टूडेंट्स में से केवल 27 ही 12वीं की पढ़ाई पूरी कर पा रहे हैं। बाकी 73 स्टूडेंट्स बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं। इसके पीछे बड़ी वजह है सीनियर सैकंडरी स्कूलों और शिक्षकों की कमी। राजस्थान में पहली से पांचवीं कक्षा...
More »बहुत कठिन है स्कूल तक की डगर- पंकज चतुर्वेदी
तेलंगाना के मेडक जिले में एक स्कूल बस के ट्रेन से भिड़ जाने के कारण 14 बच्चों की मौत ने देश को हिला दिया है। लेकिन यह ऐसी पहली खबर नहीं है। अभी जुलाई के पहले सप्ताह में ही राजधानी दिल्ली में बच्चों को स्कूल ले जा रही एक आरटीवी दुर्घटनाग्रस्त हो गई और वाहन का चालक घायल बच्चों को छोड़ भाग गया। इसी क्रम में सितंबर 2010 की राजधानी...
More »खस्ताहाल स्कूली शिक्षा से संकट में छात्रों का भविष्य
इंदौर के पास स्थित देपालपुर में स्कूली शिक्षा के नाम पर सरकारी खानापूर्ति सामने आई है। इस विकासखंड में ऐसे कई स्कूल हैं, जो एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। यह खबर एक तरह से पूरे देश की निराशाजनक तस्वीर पेश करती है। 12 लाख शिक्षकों की कमी है देशभर में 50 प्रतिशत स्कूलों साफ पीने की सुविधा नहीं ...
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