रायपुर, ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में सूखे की आशंका के बीच पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश से धान सहित खरीफ की फसलों की स्थिति सुधरी है। वहीं, लगातार बारिश के कारण जल्दी पकने वाले धान व सोयाबीन की फसल को नुकसान भी पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। कृषि विभाग के अधिकारियों का दावा है कि फिलहाल खेती को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। यदि ऐसी ही लगातार...
More »SEARCH RESULT
आखिर क्यों जल उठा बेंगलुरु-- आर सुकुमार
वह 2000 के दशक का शुरुआती वर्ष था। इंफोसिस लिमिटेड ने बेंगलुरु के इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी के अपने कैंपस में एक शानदार विंग बनाई ही थी, तब मैं कंपनी के तत्कालीन चेयरमैन एन आर नारायण मूर्ति से मिलने गया था। हम जब कैंपस घूम रहे थे, और कारोबार व लोगों और लगभग हरेक इमारत के स्वागत कक्ष में रखे रंग-बिरंगे चमकीले छातों के बारे में बातें कर रहे थे, तब उन्होंने...
More »बिहार में बाढ़ से 15,000 करोड़ रुपये का नुकसान, अब तक 61 लोगों की मौत
पटना : बिहार में बाढ़ से करीब 15 हजार करोड़ की क्षति का प्रारंभिक अनुमान है. आपदा प्रबंधन विभाग नुकसान के आकलन में जुटा है. आकलन पूरा होने के बाद केंद्र सरकार को ज्ञापन सौंपा जायेगा. इसके बाद केंद्रीय टीम क्षति का जायजा लेने बिहार आयेगी. केंद्रीय टीम की रिपोर्ट पर बिहार को बाढ़ से हुई क्षति की भरपाई के लिए केंद्रीय सहायता मिल पायेगी. आपदा प्रबंधन मंत्री प्रो चंद्रशेखर...
More »1000 करोड़ की फसल बर्बादी से धीमी होगी विकास की चाल-- प्रकाशकांत
पूरे देश की ही तरह मध्य प्रदेश के अर्थतंत्र की रीढ़ भी खेती है। इसी खेती ने 2008 की विश्व मंदी में भी देश की अर्थव्यवस्था को डूबने से बचाया था। हालांकि, यही खेती खुद भी कभी सूखे तो कभी अतिवृष्टि की शिकार होती रही है। नईम की इन पंक्तियों की तर्ज पर कि 'सूखे का हुआ कभी/कभी हुआ बाढ़ का/पहला दिन मेरे आषाढ़ का"। इस बार आषाढ़ तो नहीं मगर...
More »फसल का नहीं खेती का बीमा हो!-- बिभाष
खेती की जब बात आती है, तो सभी आकाश की ओर ताकते हैं. अगर माॅनसून का समय और उसकी मात्रा उचित या पर्याप्त नहीं है, तो राजनीति की गति और दिशा दोनों बदल जाती है. बजट से लेकर बाजार तक सब आकाश ही निहारते हैं. कृषि में जोखिम प्रबंध बहुत ही कमजोर है. हरित क्रांति का चाहे जिस तरह से विश्लेषण या आलोचना करें, लेकिन उसने हमारी कृषि को तात्कालिक...
More »