जलवायु परिवर्तन अब एक आम चर्चा का विषय बन गया है। इस मसले पर बने संयुक्त राष्ट्र के अन्तर-सरकारी पैनल पांचवीं मूल्यांकन रिपोर्ट में पूरे विस्तार से यह बताया गया है कि किस तरह यह मानवीय क्रियाकलापों का ही नतीजा है। भारत में भी पिछले 100 वर्षों में पृथ्वी की सतह का तापमान लगभग 0.80 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है। किसी क्षेत्र में यह तापमान ज्यादा बढ़ा है, तो किसी में...
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दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने दगा किया, नये साल में खाद्यान्न उत्पादन कम होने के आसार
आशंका है कि खाद्यान्न उत्पादन के मामले में चालू कृषिवर्ष पिछले साल (2016-17) के मुकाबले फीका साबित हो. कृषि मंत्रालय के शुरुआती आकलनों से पता चलता है कि 2017-18 में खरीफ फसलों का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 2.8 प्रतिशत घट सकता है. साल 2017-18 में खरीफ की फसलों का खाद्यान्न उत्पादन 134.7 मिलियन टन रहने का अनुमान है जबकि 2017-18 में खरीफ में खाद्यान्न का उत्पादन 185.5 मिलियन टन हुआ था. गौरतलब...
More »बुनियादी ढांचा सुधरने से थमेंगी कीमतें-- रमेश कुमार दुबे
बंपर उत्पादन और तमाम सरकारी उपायों के बावजूद महंगाई दर में बढ़ोतरी से साबित होता है कि वितरण के मोर्चे पर अभी बहुत कुछ करना है। पिछले साढ़े तीन वर्षों में मोदी सरकार ने ग्रामीण सड़कों, सिंचाई, फसल बीमा और बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में अहम सुधार किया है लेकिन भंडारण-विपणन ढांचे में सुधार अभी भी दूर की कौड़ी बना हुआ है। यही कारण है कि कुछ महीने पहले तक...
More »संपत्ति में स्त्री के हिस्से की हकीकत-- प्रदीप श्रीवास्तव
महिलाओं को निजी संपत्ति में हिस्सा देने की बहस काफी पुरानी है। हमारे देश में स्वतंत्रता संग्राम के साथ ही यह बहस तेज हो गई थी। ब्रिटिश राज और उससे आजादी के बाद समय-समय पर कानून बनाए गए हैं, जो महिलाओं को निजी संपत्ति का अधिकार तो देते हैं, लेकिन समाज में पुरुष प्रधान सोच के कारण कानून पंगु बना रहा। वर्तमान समय में फैक्टरी, कार्यालय, खेत या घर- हर...
More »धुंध के लिए सिर्फ किसान जिम्मेवार नहीं-- संजीव पांडेय
पूरे उत्तर भारत को घनी धुंध ने घेर रखा है और इसने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। इसकी चपेट में पड़ोसी पाकिस्तान भी है। गांव के मुकाबले शहरों में रहने वालों की मुश्किलें ज्यादा बढ़ी हैं। सड़कों पर निकलना मुश्किल है। रेलगाड़ियां घंटों विलंब से चल रही हैं। दूसरी तरफ दिल्ली से उत्तर भारत के कई राज्यों की तरफ जाने वाली सड़कों पर कई बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी...
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