शिमला.परागपुर (धर्मशाला)विकास खंड परागपुर की ग्राम पंचायत कस्बा जागीर में मनरेगा के तहत जुटे मजदूरों को आठ माह से मजदूरी नहीं मिली। इससे गुस्साए लोगों ने मंगलवार को पंचायत घर पर ताला लगा दिया। ग्रामीणों ने पंचायत प्रधान और उपप्रधान की मौजूदगी में ही पंचायत घर पर ताला जड़ दिया। प्रधान अंजलि ने बताया कि सेक्रेटरी ने कई माह से कैश बुक में एंट्री नहीं की है। इसके चलते मनरेगा मजदूरों को...
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मुद्दा: गरीब की नई परिभाषा
गरीबी: सभ्य समाज के इस सबसे बड़े अभिशाप को राष्ट्रपिता गांधी जी ने हिंसा का सबसे खराब रूप कहा। करेला उस पर नीम चढ़ा कि स्थिति यह कि गरीबों को 'गरीब' न मानना। हमारे हुक्मरानों ने गरीबों की नई परिभाषा गढ़ी है। अगर आप शहर में रहकर 32 रुपये और गांव में रहकर 26 रुपये प्रतिदिन से अधिक खर्च कर रहे हैं तो आप गरीब नहीं है। खुद को गरीब मानते...
More »राज्यपाल से मजदूरी भुगतान की मांग
लातेहार : ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के द्वारा मनरेगा के तहत कराए गए कार्यो में मजदूरी भुगतान नही होने से महुआडांड़ के मजदूरों ने झारखंड के राज्यपाल को मजदूरी भुगतान कराने के लिए ज्ञापन दिया है। इस संबंध में महुआडांड़ से आए मजदूरों ने बताया कि हमलोगों ने मनरेगा के तहत 2008-09 में विशेष प्रमंडल के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में काम किया था, मगर आज तक मजदूरी का भुगतान...
More »एक साल बाद भी नहीं मिली मनरेगा की मजदूरी
भोरंज. कक्कड़ पंचायत में एक गरीब रोशनलाल पिछले एक साल से अपनी मनरेगा की मजदूरी लेने के लिए पंचायत कार्यालय के चक्कर काट रहा है। सरकार की तरफ से धनराशि एकमुश्त जारी होने के बावजूद अदायगी नहीं हुई है। इससे पंचायत की कार्य प्रणाली पर सवाल उठता है। क्या है मामला साही दा घाट गांव के रोशन लाल ने बताया कि गत वर्ष कक्कड़ पंचायत के वार्ड-2 तथा 3 में मनरेगा के तहत दो कुओं...
More »बीड़ी पत्ते में धुआं-धुआं ज़िंदगी -- सारदा लहांगीर
“छो...छोको भूंजी लोक पतर तुड़ले लागसी भोक....” ( हम लोग गरीब भुंजिया आदिवासी, पत्ता तोड़ते हुए भूख लगती है ) नुआपाडा जिले के सीनापाली गांव में रहने वाली 55 वर्षीय पहनी मांझी को जंगल में तेदूपत्ता तोड़ते हुए जब भूख लगती है तो वो अपना ध्यान बंटाने के लिए यहीं उड़ीया लोकगीत गुनगुनाती हैं. तेंदूपत्ता अप्रैल और मई महीने की चिलचिलाती धूप में जब हम अपने वातानुकुलित कमरे में बैठे आराम फरमा...
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