नदियों के तट पर सभ्यताएं तो विकसित होती ही हैं, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था वहां की नदी और उसमें उपलब्ध के उचित प्रबंधन पर ही निर्भर होती है. खासकर भारत जैसे देश में जब मॉनसून दगा दे जाये, तो नदियों और नहरों का पानी ही किसानों का सहारा होता है. प्रकृति ने भारत को विशाल नदियों की नेमत बख्शी है. इसमें बड़ी से छोटी नदियां तक शामिल हैं. कई...
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देशभर में प्याज की कीमतों में लगी आग, हर मोर्चे पर सरकार लाचार-- अमलेश नंदन
देशभर में प्याज की कीमतें आम आदमी को रुला रही हैं. महानगरों में प्याज के भाव खुदरा मंडियों में क्वालिटी के हिसाब से 80 से 100 रुपये प्रति किलो हैं. जबकि अनय शहरों और यहां तक कि ग्रामीण इलाकों में भी प्याज 50 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं. प्याज की कीमतों में हर दूसरे दिन वृद्धि देखने को मिल रही है. खबरे आ रही है कि नासिक...
More »किसानों की खुदकुशी के सबब- विनोद कुमार
जरा गौर कीजिए कि इसी देश में करीब अठारह-बीस करोड़ भूमिहीन दलित, अति पिछड़े मजूर हैं। उनके जीवन में यह मौका ही नहीं आता कि वे बैंक से कर्ज लें, खेती करें, उनकी फसल नष्ट हो और वे आत्महत्या कर लें। इसका अर्थ यह नहीं कि हम किसानों की आत्महत्या से पीड़ा का अनुभव नहीं करते। लेकिन इस बात को समझना तो होगा कि एक भूमिहीन किसान या मजूर आत्महत्या न...
More »स्वराज अभियान में नया मोड़, जेल से रिहा हुए ‘आप’ के पूर्व नेता योगेंद्र यादव
किसानों के मुद्दे पर केंद्र से हठजोड़ कर रहे योगेंद्र यादव सहित 86 किसानों की हिरफ्तारी के बाद स्वराज अभियान ने नया मोड़ ले लिया है। कभी साथी रहे आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस मुद्दे पर किसानों के साथ खड़े हो गए। केजरीवाल ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की । पुलिसिया कार्यवाई को अनावश्यक बताया ।...
More »किसान आत्महत्या: कैसे तैयार होते हैं आंकड़े?- पी साईनाथ
किसानों की आत्महत्या से जुड़े सालाना आंकड़े राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) जारी करता है. लेकिन ये आंकड़ों जिस तरह से जुटाए जाते हैं, वह समस्या को कहीं ज़्यादा गंभीर बना रहे हैं. दरअसल, एनसीआरबी आकंड़ा संग्रह करने की मशीनरी नहीं हैं, बल्कि यह राज्य सरकारों से मिले आंकड़ों को एकत्रित करके उसे टेबुलर फॉर्म में जारी करती है. इस लिहाज से देखें तो एनसीआरबी का इन आंकड़ों में अपना कोई...
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