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विकास की नीतियां बदलने का वक्त - यशवंत सिन्‍हा

भारत में घोषित आर्थिक सुधारों का इतिहास 24 साल पुराना है, लेकिन इन 24 वर्षों में भी सुधारों को लेकर जो विवाद हैं, वे अभी तक समाप्त नहीं हुए हैं। आज भी भूमि अधिग्रहण, श्रम कानून, जीएसटी, डायरेक्ट टैक्स (जैसे गार अथवा पिछली तिथि से लागू होने वाले कर) विदेशी पूंजी निवेश इत्यादि अनेक ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर आज भी कोई सहमति नहीं बन पाई है। जब डॉ. मनमोहन...

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पावर सेक्‍टर की हालत खराब, 24 घंटे बिजली देने में ये हैं अड़चनें

नई दिल्‍ली। पावर सेक्‍टर की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है, जबकि सरकार का वादा है कि वर्ष 2022 तक सभी को 24 घंटे बिजली दी जाएगी। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कमान संभाली है और बिजली कंपनियों और राज्‍य सरकारों से बातचीत शुरू की है। लेकिन अब तक की सरकार की कवायद को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि कई ऐसी अड़चनें हैं, जिसका समाधान...

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‘सरकारें चाहती हैं कि संसाधनों पर जनता का कोई नियंत्रण न रहे’- मेधा पाटकर

सरदार सरोवर बांध का डूब क्षेत्र 214 किलोमीटर का है. इस परियोजना से लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं. इससे विस्थापित होने वालों में 50 प्रतिशत आदिवासी और 20 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीब और वंचित समुदायों के हैं. नर्मदा बचाओ आंदोलन की शुरुआत जनशक्ति के आधार पर हुई है. अब तक जो हासिल हुआ वह लंबे मैदानी संघर्ष और कानूनी लड़ाइयों की वजह से संभव हुआ है. इस आंदोलन...

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सरकार को मुसलिमों के साथ हो रहे भेदभाव को दूर करना होगा : उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी

नयी दिल्ली : उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आज सबका साथ, सबका विकास का नारा लेकर शासन में आयी नरेंद्र मोदी सरकार को अल्पसंख्यकों के विकास के मुद्दे पर कई नसीहत दी. उन्होंने कहा कि सामाजिक शांति के लिए राजनीतिक दूरदर्शिता जरूरी है. अंसारी ने न सिर्फ सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने पर जोर दिया, बल्कि यह भी कहा कि धर्मनिरपेक्ष राजनीति के तहत रह रहे अधिकतर मुसलिम...

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कैसे रुके संसद में पक्ष-विपक्ष का टकराव? - जगदीप एस. छोकर

संसद के मानसून सत्र में हुए हंगामे और सत्ता-पक्ष और विपक्ष में बढ़ते टकराव से देश बेहद चिंतित है। संसद के पचास साल पूरे होने पर पीए संगमा की अध्यक्षता में हर दल और समूह की सहमति से निर्णय किया गया था कि प्रश्नकाल में व्यवधान पैदा नहीं किया जाएगा। आजादी के 68 साल पूरे होने पर कम से कम यही एक संकल्प सांसद करें तो संसदीय लोकतंत्र में सुधार...

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