-द वायर, अगाथा क्रिस्टी ने लिखा है : ‘जुर्म छिपाए नहीं छिपता है. अपने तरीकों को बदलने की चाहे जितनी कोशिश करो, जो कि तुम करोगे, तुम्हारी पसंद, तुम्हारी आदतें, तुम्हारा रवैया और तुम्हारी आत्मा को तुम्हारे कदम जाहिर कर ही देते हैं. पिछले महीने पेगासस प्रोजेक्ट- एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम, द वायर जिसका एक हिस्सा है- ने दुनियाभर में सरकारों द्वारा विश्व नेताओं, विपक्षी राजनीतिज्ञों, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को सैन्य श्रेणी के...
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पंचतत्व: इस धरती पर मनुष्य के अलावा दूसरे प्राणी भी हैं, उनकी आज़ादी के बारे में कब सोचेंगे हम?
-जनपथ, अप्रैल 2021 में सुप्रीम कोर्ट में तब के मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यम की पीठ ने मशहूर पर्यावरणविद एम. के. रणजीतसिंह द्वारा दो साल पहले दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एक टिप्पणी की थी, कि पर्यावरण के मामले में न्याय तभी मिल पाएगा जब हम मानव-केंद्रित ‘एंथ्रोपोसेंट्रिज्म’ के सिद्धांत से हटकर प्रकृति-केंद्रित ‘ईकोसेंट्रिज्म’ की तरफ जाएं, जिसमें इंसान प्रकृति का हिस्सा है और...
More »ऑक्सीजन की कमी से हुईं मौतों का डेटा सरकार के पास नहीं, अब लोग ही जुटा रहे आंकड़े
-कारवां, 24 अप्रैल 2021 की अल सुबह एरिक मैसी को दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल से एक फोन आया. उन्हें बताया गया कि सांस रुक जाने के चलते उनकी 61 वर्षीय मां डेल्फिन मैसी की मौत हो गई है. डेल्फिन को सप्ताह भर पहले कोविड-19 के गंभीर लक्षणों के चलते अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. जिस सुबह उनकी मौत हुई एरिक उनके शव को लेने अस्पताल गए और देखा...
More »प्रथम दृष्टि : खस्ताहाल स्कूल
-आउटलुक, “आज सरकारी स्कूलों में सिर्फ उनके बच्चे पढ़ते हैं जिनकी आर्थिक स्थिति निजी विद्यालयों की फीस भरने लायक नहीं। ऐसे में सरकारी स्कूलों की जर्जर हालत भला कैसे सुधरेगी? पटना हाइकोर्ट का सवाल नीति-नियंताओं के सामने खड़ी चुनौती है” बिहार में शिक्षा विभाग के लिए एक नई मुसीबत आन पड़ी है। एक मामले की सुनवाई के दौरान पटना हाइकोर्ट ने उसे यह बताने को कहा है कि राज्य में कितने सरकारी...
More »दुनिया भर में एक नए रोग ने बढ़ाई मुसीबत, भारत नया शिकार
-डाउन टू अर्थ, “माथे पर गोली मारो।” मिजोरम के सूअर पालक पिछले कुछ महीनों से इस आदेश से काफी डरे हुए हैं। हालांकि थानलियाना और उसके तीन बेटों के पास भी कोई विकल्प नहीं था। अप्रैल के बाद से अपने 500 में से 308 सूअरों को “बुखार” में खो देने के बाद उन्होंने आखिरकार थक-हारकर राज्य के पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग को सूचित किया। इसके बाद 18 जून को राजधानी आईजोल...
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