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शाक-मांस के बीच मुल्क- नासिरुद्दीन

हमारे मुल्क के खान-पान का मिजाज मांसाहार नहीं है या इस मुल्क की बड़ी आबादी शाकाहारी है- यह भ्रम है. मिथक है. तथ्य से परे है. फिर भी ऐसा क्यों है कि हमारा मानस इसे मानने को तैयार नहीं होता है. हमें यह क्यों लगता है कि यह मुल्क असलियत में शाकाहारी है और कुछ समूह या समुदाय ही मांसाहारी हैं. सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) के जून में आये...

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गंगा की सफाई के लिए बनेगा कानून

गंगा नदी के दुनिया के दस सबसे प्रदूषित नदियों में शामिल होने की पृष्ठभूमि में सरकार ने समग्र गंगा अधिनियम बनाने, सींचेवाला माडल पर सफाई कार्य आगे बढ़ाने और गंगा नदी के किनारे छोटे छोटे तालाबों का निर्माण व मरम्मत कार्य आगे बढ़ाने की योजना बनाई है। जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने बताया कि हरिद्वार से गंगा सागर तक की कहानी गंगा नदी में...

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किसानों के खाते से पैसे निकाले तो बैंक अफसरों को बनाएंगे बंधक

फसल बीमा योजना के विरोध में जिलेभर के किसानों ने प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनके खाते से जबरदस्ती कोई राशि काटी गई तो संबंधित बैंक अफसर को बंधक बना लिया जाएगा। इस मामले को लेकर खफा किसान सोमवार को लघु सचिवालय पहुंचे और डीसी मंदीप सिंह बराड़ को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और इस योजना को तुरंत रद्द करने की मांग की। इस...

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बिहार के किसानों की आय सबसे कम, पंजाब अव्वल

देश में किसानों की दयनीय हालत किसी से छिपी नहीं है और अब इसकी तसदीक राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय के आंकड़ों से भी हो गई है। सर्वेक्षण के मुताबिक किसानों की मासिक आय 6,426 रुपये आंकी गई है, जबकि प्रत्येक किसान औसतन 47,000 रुपये का कर्जदार है। इनमें भी कृषि प्रधान बिहार की स्थिति और भी दयनीय है। यहां के किसानों की मासिक आय मात्र 3,558 रुपये है, जबकि पंजाब...

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दमन का दंश-- मुकेश भारद्वाज

नवउदारवाद के निजामों ने पिछले ढाई दशकों के दौरान स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के उदारवादी मूल्यों को चुनौती दी। बाजार के हाहाकार में सामंती मूल्यों को ही स्थापित करने की कोशिश की गई। स्त्रियों, दलितों सहित अन्य दमित वर्गों को समझाया गया कि बाजार सारी गैरबराबरी मिटा देगा। गुजरात का विकास मॉडल अभी बाजार में भुनाया ही जा रहा था कि कलक्टर साहब के दफ्तर के आगे और सड़कों पर...

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