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कोरोना,चीन,इकनॉमी पर क्या बोले मोदी:स्वतंत्रता दिवस भाषण का निचोड़

-द क्विंट, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के गावों में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के विस्तार से लेकर नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन तक का ऐलान किया है. अपनी स्पीच में उन्होंने अयोध्या के राम मंदिर, कोरोना वैक्सीन और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे मुद्दों का भी जिक्र किया है. PM मोदी की स्पीच की 10 बड़ी बातें सभी 6 लाख से ज्यादा गांवों में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क पहुंचाया...

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क्या मान लें कि 2020 का 5 अगस्त भारतीय गणतंत्र के दूसरे संस्करण का जन्म दिवस है?

-सत्यहिंदी, क्या हमें मान लेना चाहिए कि 2020 का 5 अगस्त भारतीय गणतंत्र के पहले संस्करण का अवसान और दूसरे संस्करण का जन्म दिवस है? क्या इसकी चमक दमक 15 अगस्त की आभा को धूमिल कर देगी? या इसका उलटा होगा? यानी 15 अगस्त की तारीख़ हमें उन वायदों की याद दिलाती रहेगी जिनको लेकर हम अपनी प्रतिबद्धता दृढ़ नहीं रख पाए? उसी लापरवाही का नतीजा तो 5 अगस्त की तारीख़...

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कोविड से जूझ रहे सरकारी अस्पतालों के बीच निजी क्षेत्र पर शिफ्ट हुआ ‘मोदीकेयर’ बिजनेस

-द प्रिंट, दो महीने की अनलॉकिंग के बाद ज़्यादातर राज्यों में, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जे) का इस्तेमाल, लॉकडाउन से पहले के स्तर पर आ गया है. लेकिन इसमें एक पेंच है. सरकारी सुविधाओं के कोविड केयर में फंसे होने के कारण, ज़्यादातर राज्यों में पीएम-जे क्लेम्स में निजी अस्पतालों की हिस्सेदारी काफी बढ़ गई है. पीएम-जे सरकार की एक प्रमुख स्वास्थ्य बीमा स्कीम है. ये आयुष्मान भारत का हिस्सा है जिसमें...

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आंकड़े बताते हैं, लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए आयुष्मान भारत योजना ‘वरदान’ साबित नहींं हुई

-द प्रिंट, प्रधानमंत्री की जन आरोग्य योजना (पीएम-जय), प्रधानमंत्री मोदी की स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत के अंतर्गत आनेवाली की तीसरी फ्लैगशिप योजना है. जिसे यह बताया जा रहा है कि यह कोविड-19 के लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए वरदान साबित हुई है. हालांकि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, इस योजना का प्रबंधन करने वाली एजेंसी के आंकड़ों से पता चलता है कि इस योजना का प्रवासी मजदूर समूह को सरकार के...

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बिहार में कोविड-19 महामारी की कमजोर तैयारी से गहराता स्वास्थ्य संकट

-कारवां, 16 जुलाई तक बिहार में कोविड-19 मामलों की संख्या दोगुनी होकर 20612 तक पहुंच गई थी. संक्रमित लोगों में राज्य और राजनीतिक प्रतिष्ठान के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल है जिसके चलते महामारी को लेकर राज्य की प्रतिक्रिया धीमा हो रही है. यह तब है जब परीक्षणों के मामले में राज्य सबसे कम परीक्षण करने वाले राज्यों में गिना जा रहा है. परीक्षण का राष्ट्रीय औसत 9289 प्रति 10 लाख है...

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