सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बिहार 19 फरवरी से चार नई सेवाओं से जुड़ गया। प्रदेश के लोगों को स्टेट सर्विस डिलिवरी गेटवे (एसएसडीजी) की सेवाएं मिलने लगी। एक ही पोर्टल पर सूबे की जनता सरकार की सभी योजनाओं का लाभ ले सकेगी। इतना ही नहीं विश्व के सबसे लंबे वाइफाइ रेंज का डेमास्ट्रेशन भी होगा। डिमांस्ट्रेशन से एक माह के अंदर दानापुर से लेकर गांधी मैदान होते हुए एग्जीविशन...
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लोकसभा में उठी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग
नयी दिल्ली/पटना : शैक्षणिक , औद्योगिक और आर्थिक दृष्टि से बिहार के पिछड़ेपन की ओर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए आज लोकसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की पुरजोर मांग की. शून्यकाल के दौरान जनता दल यू के शरद यादव ने कहा कि वर्ष 2012 के बजट भाषण में पिछड़े राज्यों के लिए विशेष व्यवस्था किये जाने की बात कही...
More »गुजरात मॉडल की असलियत- कृष्ण स्वरुप आनंदी
जनसत्ता 19 फरवरी, 2014 : गुजरात का विकास चर्चा का विषय बना दिया गया है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि अन्य राज्यों के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे देश के लिए भी एक बेहतरीन अनुकरणीय मॉडल गुजरात ने प्रस्तुत किया है। उस मॉडल को देशव्यापी बनाने का सपना जोर-शोर से लोगों को दिखाया जा रहा है। विकास, सुशासन, समृद्धि, रोजगार सृजन जैसे शब्द तेजी से हवा में उछाले...
More »गंगा में बढ़ रहा है घातक सुपरबग
भारतीय अनुसंधानकर्ताओं समेत वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि गंगा नदी में एंटीबायटिक रोधी सुपरबग हैं और गंगा किनारे बसे शहरों में वार्षिक उत्सवों के दौरान इन बैक्टीरिया का स्तर 60 गुना तक बढ़ जाता है। न्यूकैसल यूनिवर्सिटी, ब्रिटेन और दिल्ली के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-दिल्ली) के विशेषज्ञों ने हिमालय के मैदानी क्षेत्रों में ऊपरी गंगा नदी के किनारे बसे सात स्थानों से पानी और तलछट के नमूने लिये। उन्होंने देखा कि...
More »बातों और चर्चाओं की राजनीति - बद्रीनारायण
उत्तर प्रदेश और बिहार के गांवों में नानी, दादी रात में सोते वक्त अपने बच्चों को जब कहानी सुनाया करती थीं, तब कहानी के अंत में समापन वाक्य की तरह एक खास बात कही जाती थी। वह वाक्य होता था- न कहवइया के दोष, न सुनवइया के दोष, जे कहनी उपारजे ओकर दोष। यानी न कहने वाला का दोष है, न सुनने वाले का, जो इन कथाओं को रचता है, उसका...
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