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गेहूं के समर्थन मूल्य की राह में महंगाई का रोड़ा

नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। पहले मानसून ने मारा, अब न्यूनतम समर्थन मूल्य [एमएसपी] के जरिए सरकार किसानों को मार रही है। धान पर मिले कम बोनस के बाद गेहूं पर भी बहुत ज्यादा एमएसपी की उम्मीद नहीं है। सरकार जल्दी ही इसके समर्थन मूल्य की घोषणा कर सकती है। पिछले रबी सीजन में गेहूं का एमएसपी 1080 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था। आमतौर पर बुवाई शुरू होने...

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कपास का निर्यात नए सीजन में बढ़ेगा

नए सीजन में घरेलू बाजार भाव विदेशी मूल्य से कम रहे तो कॉटन का निर्यात इस साल के मुकाबले काफी बेहतर रह सकता है। वर्ष 2009-10 में भारत से कॉटन का निर्यात दोगुना होकर 65 लाख गांठ (प्रति गांठ 170 किलो) तक पहुंचने की उम्मीद है। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के उपाध्यक्ष नयन सी. मीरानी के अनुसार वर्ष 2008-09 में घरेलू बाजार में भाव तेज होने और अंतरराष्ट्रीय बाजार...

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सार्वजनिक वितरण प्रणाली

[inside]'एनएफएसए के लिए राज्य रैंकिंग सूचकांक' का पहला संस्करण[/inside] जारी. सामान्य श्रेणी में ओड़िशा ने व विशेष राज्यों की श्रेणी में त्रिपुरा ने किया टॉप. 5 जुलाई, को दिल्ली में आयोजित खाद्य मंत्रियों के सम्मलेन में  देश के खाद्य मंत्री श्री पियूष गोयल ने इस रिपोर्ट ('एनएफएसए के लिए राज्य रैंकिंग सूचकांक') को किया जारी.(अंग्रेजी में यहाँ से पढ़िए) NFSA के लिए राज्य रैंकिंग सूचकांक असल में NFSA को लागु करने के लिए...

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किसान आंदोलन में भूमि सुधार का मुद्दा अहमः पावेल कुस्सा, द जर्नी ऑफ फार्मर्स रिबेलियन के विमोचन पर

वर्कर्स यूनिटी, 25 सितम्बर भारत में किसान आंदोलन के दो इतिहास हैं। एक भूमि सुधार जोकि 1947 से ही मौजूद है। और दूसरा ग्रीन रिवोल्यूशन के बाद पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी यूपी की बेल्ट में खेत मालिक किसानों के आंदोलन, जोकि फसलों के उचित दाम को लेकर हैं। मौजूदा किसान आंदोलन में भी एमएसपी का मुद्दा प्रमुख है। इन दोनों किस्म के आंदोलनों में ये ताज़ा आंदोलन इस मायने में अलग है कि...

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