-जनचौक, पिछले तीन माह में यह स्पष्ट हो गया है कि कोरोना वायरस महामारी को रोकने में सरकार लगभग हर मोर्चे पर असफल रही है। न केवल सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते फैलाव को रोकने में असमर्थ रही है बल्कि उसके ही कारण देश के अधिकाँश लोगों को संभवतः सबसे बड़ी अमानवीय त्रासदी झेलनी पड़ी है। सरकार की असंवेदनशील, अल्प-कालिक और संकीर्ण सोच के कारण करोड़ों लोगों के...
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नागरिक को अर्द्ध नागरिक में बदलता समय
-लोकवाणी, लॉकडाऊन के सवा दो माह गुजरने के बाद जब कोई सवाल ये पूछे तो कि देश ने क्या खोया-क्या पाया तो एक खस्ताहाल आम नागरिक का और क्या जवाब होगा भला सिवाय मी’र के इस शे’र के कि ‘उलटी हो गई सब तदबीरें कुछ ना दवा ने काम किया—देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आखिर काम तमाम किया’ ? लॉकडाऊन के बीते दिनों के बारे में बस इतना भर कहा जा सकता...
More »पर्यावरण की दशा-दिशा 2020: भारत में विस्थापन बढ़ाते चक्रवात
-डाउन टू अर्थ, डाउन टू अर्थ द्वारा प्रकाशित “स्टेट ऑफ एनवायरमेंट इन फिगर्स 2020” रिपोर्ट 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर जारी होने वाली है। यह रिपोर्ट आंकड़ों के माध्यम से पर्यावरण और हमारे अस्तित्व से जुड़ी समस्याओं और उनकी गंभीरता का एहसास कराएगी। यह रिपोर्ट पर्यावरण से हमारे संबंधों पर भी रोशनी डालेगी। अक्सर कहा जाता है कि समस्या का माप जरूरी है, तभी उसका समाधान किया...
More »मध्यप्रदेश में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, कोरोना के खिलाफ काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग
-जनज्वार, मध्य प्रदेश में कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में कोरोना से बचाव के लिए तय किए गए सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य मापदंडों का पालन करते हुए प्रदर्शन किया। राजधानी सहित जिला मुख्यालयों पर हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष ओ.पी. कटियार एवं लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया, ‘अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर गुरुवार को महंगाई...
More »कोरोना: एम्स में नर्सों की हड़ताल, पीपीई किट से हो रहे इन्फ़ेक्शन और रेशेज़
-बीबीसी, “पीपीई किट में काम करना , एक पॉलिथीन में पैक होकर काम करने जैसा है. आप ना कुछ खा सकते हो, ना बाथरूम जा सकते हो और इंफ़ेक्शन का ख़तरा अलग बना रहता है.” “माहवारी में पैड इस्तेमाल नहीं कर सकते क्योंकि वो बदल नहीं सकते इसलिए एडल्ट डायपर पहनना पड़ता है. यूटीआई से लेकर स्किन इंफ़ेक्शन तक से परेशान हैं.” दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में काम करने वाले...
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