तत्कालीन यूपीए सरकार जब साल 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक लेकर आई, तो यह उम्मीद बंधी थी कि इस विधेयक के अमल में आ -जाने के बाद देश की 63.5 फीसद आबादी को कानूनी तौर पर तय सस्ती दर से अनाज का हक हासिल हो जाएगा। अफसोस, इस कानून को बने तीन साल हो गए, मगर यह आज भी पूरे देश में अमल में नहीं आ पाया है। नौ...
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अहम साल रहा 2015, घातक पर्यावरणीय बदलावों के लिहाज से
बीता वर्ष 2015 अब तक का सबसे गर्म साल रहा है. हालांकि, पिछले करीब एक दशक में कई वर्ष ऐसे रहे हैं, जो उस समय तक सबसे गर्म साल के रूप में आंके गये, लेकिन वर्ष 2015 को इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि क्लाइमेट चेंज के लिहाज से विशेषज्ञों ने इसे 'टिपिंग प्वाइंट' करार दिया है. क्या इंगित करता है यह टिपिंग प्वाइंट, क्यों जतायी जा रही...
More »जलवायु परिवर्तन से सामंजस्य जरूरी- भरत झुनझुनवाला
केन्द्र सरकार ने किसानों के लिये फसल बीमा की नई स्कीम घोषित की है। अनुमान है कि धरती का तापमान बढ़ने के कारण सुनामी, बाढ़, तूफान तथा सूखे जैसे मौसम में उपद्रव बढ़ेंगे। तदनुसार किसानों की समस्यायें बढ़ेंगी। फसल चौपट होने से इन्हें आत्महत्या करने अथवा खेती से पलायन करने को मजबूर होना पड़ेगा। अतः सरकार द्वारा घोषित बीमा योजना सही दिशा में है। हालांकि, कागजी उलझनों के कारण इसके...
More »क्लाइमेट चेंज पर जरूरी है नियंत्रण-- भरत झुनझुनवाला
केंद्र सरकार ने किसानों के लिए फसल बीमा स्कीम घोषित की है. धरती का तापमान बढ़ने से प्राकृतिक आपदाएं बढ़ेंगी. तदानुसार, किसानों की समस्याएं बढ़ेंगी. फसल चौपट होने से इन्हें आत्महत्या करने या खेती से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ेगा. अतः सरकार द्वारा घोषित बीमा योजना सही दिशा में है. हालांकि, इसके सफल होने में संदेह है. दरअसल, किसानों को फसलों के नुकसान की भरपाई हो जाये, तो...
More »1000 फीट पर भी नहीं मिल रहा पानी
रांची में पानी का संकट गहराता जा रहा है. कई इलाकाें में पाताल से भी पानी नहीं मिल पा रहा है. हजार फीट से अधिक डीप बाेरिंग कराने के बावजूद पानी नहीं िनकल रहा है. माेरहाबादी स्थित टैगाेर हिल इलाके में कम से कम सात अपार्टमेंट में कई बार जगह बदल कर डीप बाेरिंग करायी गयी, पर पानी निकला ही नहीं. इस इलाके में वाटर सप्लाई भी बंद है. 40...
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