गन्ना की खेती को लाभकारी बनाने के लिए गन्ना के साथ दलहन,आलू व धनिया की खेती के लिए किसानों को अनुदान मिलेगा। अनुदान मद में 25.73 करोड़ व्यय होगा। राज्य सरकार की योजना पांच वषरें में सभी चीनी मिल परिसर में उद्योग स्थापित करने की है। इसका रोडमैप कृषि कैबिनेट के तहत तैयार किया गया है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पहली बार गन्ना के...
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मानवाधिकार संगठन की नई रिपोर्ट - किसान-आत्महत्या के कुछ अनदेखे पहलू
क्या सरकारी प्रयासों के बावजूद किसानों की आत्महत्या के ना थमने वाले सिलसिले का एक पहलू दलित और महिला अधिकारों की अनदेखी से भी जुड़ता है। सेंटर फॉर ह्यूमन राइटस् एंड ग्लोबल जस्टिस(सीएचआरजीजे) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट की मानें तो- हां। सीएचआरजीजे और द इंटरनेशनल ह्यूमन राइटस् क्लीनिक की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में आशंका व्यक्त की गई है कि खेतिहर संकट से जूझ रहे भारत में किसानों की आत्महत्या की...
More »लोकतंत्र का लट्ठ- रेयाज उल हक (तहलका)
भट्टा-पारसौल में जो हुआ और जिस अंदाज में हुआ उससे साफ है कि उत्तर प्रदेश सरकार को असहमति और विरोध के लोकतांत्रिक अधिकार की जरा भी परवाह नहीं. रेयाज उल हक की रिपोर्ट अगर यह लोकतंत्र है तो भट्टा-पारसौल के लोगों ने इसका मतलब देखा और महसूस किया है. देश की संसद से बमुश्किल 70 किलोमीटर दूर बसे 6000 जनों की आबादी वाले इस गांव ने लोकतंत्र को गोलियों के रूप...
More »18 बार अल निनो ने रोका मानसून का रास्ता
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। मौसम विभाग के अनुमानों को ठेंगा दिखाते आये मानसून पर इस बार फिर अल निनो का प्रकोप भारी पड़ सकता है। बड़ी परेशानी यह है कि मौसम विभाग इस बार भी अल निनो की चाल पढ़ने में जल्दबाजी दिखा रहा है। मानसून का इतिहास बता रहा है कि जब भी अल निनो का प्रभाव हुआ तो मानसून रास्ता भटक ही गया। पिछले सौ सालों में...
More »सावधान! आपकी थाली में सब्जी नहीं 'जहर' हैं!- मुकेश कुमार
लखनऊ। बेमौसम हरी-भरी सब्जियों के देख कर मन प्रसन्न हो जाता है। बैंगनी बैंगन और हरे मटर को देख जी ललचा उठता है। पर क्या हमने कभी सोचा है कि प्रकृति के विरुद्ध जाकर हम जो काम करते हैं, उसका साइड इफेक्ट क्या होता है? नहीं हमारे पास इतनी फुर्सत कहां जो अपने हेल्थ के बारे में सोच सकें। पर नहीं जनाब इस घटना और जानकारी के जानने के बाद आप...
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