नई दिल्ली [जयंतीलाल भंडारी]। इन दिनों जो रोजगार सर्वेक्षण प्रकाशित हो रहे है, वे बता रहे है कि देश के प्रोफेशनल और प्रशिक्षित युवाओं के लिए रोजगार अवसर बढ़ रहे है। युवा पेशेवरों के लिहाज से यह एक अच्छी खबर है कि भारतीय जॉब मार्केट एक बार फिर से आत्मविश्वास से भरपूर नजर आ रहा है। इंटरनेशनल रिक्रूटमेंट फर्म एटल के जून 2010 में प्रकाशित किए गए नवीनतम सर्वे में यह...
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दाल से टूटता रोटी का नाता
नई दिल्ली [रमेश दुबे]। दलहनों की पैदावार बढ़ाने के लिए लगभग दो दर्जन योजनाओं की असफलता के बाद केंद्र सरकार ने सीधे किसानों को ज्यादा कीमत देने की रणनीति अपनाई है। इसके तहत दलहनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। जहा अरहर के समर्थन मूल्य में सात सौ रुपये की वृद्धि की गई है, वहीं मूंग में 410 रुपये तथा उड़द में 380 रुपये की...
More »कपास के निर्यात पर प्रतिबंध नहीं: मारन
नई दिल्ली। कपड़ा मंत्री दयानिधि मारन ने बुधवार को कपास के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि वह वित्त मंत्रालय से कपास की कीमतों पर अंकुश के लिए निर्यात शुल्क में वृद्धि के लिए कहेंगे। संप्रग-दो सरकार के एक वर्ष के दौरान कपड़ा मंत्रालय की उपलब्धियों पर पुस्तिका जारी करने के बाद मारन ने संवाददाताओं से कहा कि हम प्रतिबंध के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन हमें [कपास]...
More »पानी, जहर और जीडीपी-- देविंदर शर्मा
इस चिलचिलाती गरमी में पानी का मुद्दा गरमाया हुआ है. जैसे-जैसे तापमान चढ़ रहा है और प्रमुख जलस्त्रोत सूखते जा रहे हैं, दिन-ब-दिन पीने के पानी को लेकर खून बहने लगा है. अपनी रोजमर्रा की जरूरत भी पूरी न होने से गुस्साएं प्रदर्शनकारी सड़कों पर निकल रहे हैं. आने वाले महीनों में, पानी की अनुपलब्धता सुर्खियों में रहने वाली है. जल संकट पिछले 15 सालों से खतरे की घंटी बज रही है,...
More »किसान मरे नहीं तो क्या करे--- देविंदर शर्मा
भारत में किसानों की आत्महत्या को लेकर छिड़ी बहस के बीच अमरीका में किसानों को अनुदान दिए जाने के बारे में एक दिलचस्प रिपोर्ट आई. 1997 से 2008 के बीच भारत में करीब दो लाख किसानों ने बढ़ते कर्ज के कारण होने वाले अपमान से बचने के लिए अपनी जान देने का आत्मघाती कदम उठाया. इन किसानों को सरकार से किसी प्रकार की सीधी सहायता नहीं मिली थी. अमरीका ने 1995...
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