शिमला. प्रदेश सरकार ने खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति निगम की सब्सिडी पर रोक लगा दी है। निगम को यह सब्सिडी दालों, चावल, नमक और रिफाइंड और मस्टर्ड तेल के लिए दी जाती है। दिसंबर से लेकर अब तक सरकार ने सब्सिडी नहीं जारी नहीं की है। सब्सिडी की यह राशि 30 करोड़ रुपए बनती है। इसे देखते हुए अब यह मामला आगामी कैबिनेट की बैठक में ले जाया जा रहा है। निगम का...
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खाद्य सुरक्षा की खातिर - सुभाष वर्मा
जनसत्ता 5 जनवरी, 2012: पूरी दुनिया में एक सौ पचीस करोड़ से अधिक लोग भूख से त्रस्त हैं, जिनमें से एक तिहाई लोग भारत के गरीब हैं। नवीनतम वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का स्थान बहुत नीचे, इक्यासी देशों के बीच सड़सठवां है। इसलिए यह स्वागत-योग्य है कि भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने वाला विधेयक संसद में पेश किया है। इस विधेयक में ग्रामीण इलाकों की पचहत्तर फीसद और...
More »भले ही बन जाए कानून, फिर भी दो करोड़ को नहीं मिलेगी रोटी!
भोपाल. लोकसभा में बीते सप्ताह पेश राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक गरीबों के लिए रोटी सुनिश्चित कर सकेगा, इसमें संदेह है। इसके पारित होने और कानून बनने के बाद भी प्रदेश के कम से कम 28 फीसदी जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। यानी करीब दो करोड़ लोगों को रोटी नसीब नहीं हो पाएगी। गरीबी के आंकड़ों के लिए एन्साइक्लोपीडिया मानी जाने वाली अर्जुन सेन गुप्ता समिति की रिपोर्ट के मुताबिक देश...
More »मिड डे मील से जायका गायब-मोहम्मद हारून
दीदी कैसे खाएं इस खाने को। बाखली में चना नहीं, दलिया में मीठा कम, पुलाव में सब्जी नहीं, खिचड़ी में दाल नहीं। कुछ इस तरह का वार्तालाप आए दिन होता है हथीन के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में बंटने वाले मिड डे मील खाने बैठे विद्यार्थियों में। सरकार इस योजना पर प्रति वर्ष करोड़ों रुपये खर्च करती है। स्कूलों में दिनों के हिसाब से मेन्यू तय किए गए हैं। तय मेन्यू...
More »कथा बीपीएल-क्लब की - ज्यां द्रेज
झारखंड के लातेहार जिले के डबलू सिंह के परिवार की दुर्दशा वर्तमान खाद्य-नीतियों की विसंगतियों को जितनी मार्मिकता से उजागर करती है उतनी शायद कोई और बात नहीं करती। जीविका के लिए मुख्य रुप से दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर आदिवासी युवक डबलू, तकरीबन दो साल पहले, काम करते वक्त छत से गिर पडा और उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। जीवनभर के लिए अपंग हो चुके डबलू को हर वक्त...
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