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मिड मील से खुले चौकाने वाले तथ्य - मनोज धर द्विवेदी

शिक्षा विभाग के फर्जी दाखिले की जांच में चौकाने वाला मामला सामने आया है। जिसमें मिड-डे-मील लेने वाले छात्रों और ब्लॉक मौलिक शिक्षा अधिकारी की ओर से भेजी गई छात्रों की संख्या में पांच हजार सात सौ छत्तीस छात्रों का अंतर पाया गया है। मामला सामने आने के बाद विभाग इसकी जांच में जुट गया है। शिक्षा विभाग कक्षा से लेकर आठवीं तक के बच्चों को दोहपर में मिड-डे-मील उपलब्ध कराता...

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चीनी मिल की हेराफेरी से उड़े किसानों के होश

उत्तम शुगर मिल प्रबंधन ने किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान करने का नया तरीका अपनाया है। मिल ने किसानों की जमीनों को बैंक में गिरवी रखना शुरू कर दिया है। आर्थिक रूप से कमजोर किसानों से कृषि फार्म फरवाया जा रहा है। जिसके आधार पर किसान की जमीन बैंक में गिरवी रखी जा रही है। इस जमीन पर मिला हुआ ऋण किसान को गन्ना भुगतान के रूप में दिया जा रहा...

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सोच बदलने से बढ़ेगी साक्षरता- वरुण गांधी

वर्ष 2014 में देश में तीस करोड़ से ज्यादा बच्चे 6-17 के आयुवर्ग के थे। देश में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की संख्या क्रमशः 1,191,719 और 233,845 हैं, जबकि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा में हमारा सकल पंजीकरण अनुपात क्रमशः 73.6 और 49.1 है। उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में तो यह अनुपात महज 21.1 फीसदी है। वहीं प्राथमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा में हमारा शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात क्रमशः 28 और 40...

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सहस्राब्दि विकास लक्ष्य- भारत किस ओर?

सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्य(एमडीजी) पर केंद्रित इंडया कंट्री रिपोर्ट में कहा गया है कि भुखमरी और मातृ मृत्यु को 2015 तक कम करने के दो महत्वपूर्ण लक्ष्य से भारत पीछे रह जाएगा। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भोजन की कमी के शिकार लोगों की संख्या में 50 प्रतिशत कमी करने के अपने लक्ष्य से पीछे रह जाएगा। यह एमडीजी-1 के अंतर्गत लक्ष्य-2 में...

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सरकारी स्कूलों के ज्यादातर बच्चे नहीं बोल पाते ए, बी, सी, डी...

रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग इस बार पहली से आठवीं तक वार्षिक परीक्षा लेने की तैयारी कर रहा है। वहीं सरकारी स्कूलों में पिछले चार-पांच सालों से सतत मूल्यांकन के नाम पर चल रहे फेल न करने के खेल ने पढ़ाई का कबाड़ा कर दिया है। आलम यह है कि राजधानी के सरकारी स्कूलों के पांचवीं क्लास के ज्यादातर बच्चे अंग्रेजी की ए, बी, सी, डी...(अल्फाबेट) भी ठीक से नहीं बोल पाते...

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