मुंबई. विद्यार्थियों को एडमिशन देते समय डोनेशन वसूलने वाले निजी स्कूलों पर गाज गिर सकती है। राज्य सरकार ने अब ऐसे स्कूलों पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी है। स्कूली शिक्षा विभाग ने सरकारी आदेश जारी कर हिदायत दी है कि यदि डोनेशन लेने का आरोप साबित होता है तो संबंधित स्कूलों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारियों व शिक्षा निरीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि...
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सरकार ने लिया गरीबों के दाखिले का जिम्मा
नई दिल्ली. मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार कानून के तहत गरीब कोटे की निजी स्कूलों में उपलब्ध 25 फीसदी सीटों पर दाखिले की कमान अब दिल्ली सरकार ने अपने हाथ में ले ली है। शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने निजी स्कूलों में गत 31 मार्च तक चली दाखिला प्रक्रिया के बाद खाली रह गईं आठ हजार सीटों पर शिक्षा निदेशालय के माध्यम से दाखिला देने की घोषणा कर दी है। उन्होंने साफ...
More »कितना मुफ्त कितना अनिवार्य- विजय विद्रोही
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक फैसले में शिक्षा के अधिकार कानून की वैधानिकता बरकरार रखते हुए देश के हर गरीब बच्चे की उम्मीदें जगाई हैं। शिक्षा के अधिकार को पूरी तरह से कामयाब बनाने के लिए अगले पांच वर्षों में करीब दो लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें से 65 प्रतिशत केंद्र और 35 प्रतिशत राज्य सरकारें वहन करेंगी। जिस देश में छह से चौदह वर्ष तक की उम्र के...
More »कृष्ण और सुदामा के नए रिश्ते- राजकिशोर
अमीरों और गरीबों के बच्चे पहले भी साथ-साथ पढ़ते थे। इसका सबसे मशहूर उदाहरण कृष्ण और सुदामा की जोड़ी है। कृष्ण राजकुल के थे और सुदामा एक गरीब ब्राह्मण की संतान। दोनों के प्रति गुरु तथा गुरुकुल के अन्य संवासियों के व्यवहार में कुछ अलग अलगपन था या नहीं, इसके विवरण आज उपलब्ध नहीं हैं। पर यह जरूर प्रसिद्ध है कि कृष्ण और सुदामा के बीच गजब की दोस्ती थी। किसी अन्य अमीर...
More »शिक्षक होने के मायने क्या? : सतीश झा
हाल ही की एक खबर पर बहुत कम लोगों का ध्यान गया, जबकि भारत के शैक्षिक भविष्य में दिलचस्पी रखने वाले हर व्यक्ति की रुचि उसमें होनी चाहिए। मानव संसाधन विकास मंत्री ने एक आश्चर्यजनक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि आज देश में पांच लाख से भी अधिक ‘शिक्षक’ नौकरी की तलाश में हैं। यह बात सुनकर मैं सोच में पड़ गया कि सरकार में बैठे हमारे हुक्मरान क्या...
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