नई दिल्ली . सर्वशिक्षा अभियान (एसएसए) की सच्चई एक अध्ययन में सामने आ गई है। इससे पता चला है कि प्रायमरी में पढ़ने वाले देश के 94 फीसदी बच्चे अंग्रेजी को विदेशी भाषा मानते हैं। 11 राज्यों में हुए अध्ययन में पाया गया कि छह प्रतिशत बच्चे ही अंग्रेजी के अक्षरों को पहचान पाते हैं। चंडीगढ़, मध्यप्रदेश और असम के बच्चे तो इसमें भी फेल रहे। प्रायमरी शिक्षा को देशभर...
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विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
More »जेल की चारदीवारी के भीतर साक्षरता की अलख
विकास सैनी, रोहतक: सुबह का समय, तीन दर्जन हर आयु के शख्स और वहां गूंजता क, ख, ग का शोर। यहां जिक्र किसी स्कूल-कालेज की क्लास का नहीं हो रहा है, बल्कि जेल की चारदीवारी के भीतर लगने वाली पाठशाला का हो रहा है। जेल में साक्षरता की अलख जगाने वाले शख्स का नाम संजीव है। संजीव पेशे से अधिवक्ता है और इन दिनों जेल में बंद है। वे भारतीय...
More »सर्वशिक्षा से साइकिल उद्योग में नई जान
लुधियाना [नितिन धीमान]। साइकिल उद्योग की वृद्धि बरकरार रखने में विभिन्न राज्यों के सरकारी टेंडरों का बड़ा हाथ है। माना जाता है कि अगर राज्य सरकारों ने सर्वशिक्षा अभियान के तहत विद्यार्थियों को साइकिल देने की स्कीम न निकाली होती तो काली यानी रोडस्टर साइकिलों की वृद्धि एक प्वाइंट पर आकर रूक जाती। सरकारी टेंडरों के कारण काली साइकिलों का बाजार हर वर्ष 12-15 फीसदी की दर से बढ़ रहा...
More »चंद रुपयों में बिक रहे सपने
पानीपत. पेट की भूख और पैसे की ललक मासूमों का बचपन निगल रही है। जिले में बाल श्रमिक और ड्राप्ट आउट की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग बेफिक्र हैं। सरकार ऐसे बच्चों को राइट टू एजूकेशन के तहत शिक्षित करने का बल दे रही है, लेकिन सरकार की यह कोशिश भी बाबूओं की कलम के नीचे दब गई है। सरकार की योजना की पहुंच...
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