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नारों के हिंडोले और हमारी हकीकत-- शशिशेखर

अपनी 72 साला आजादी में भारत ने कुलजमा 16 आम चुनाव देखे हैं। इसके बावजूद सवाल कायम है कि हमारा लोकतंत्र सही दिशा में बढ़ रहा है या नहीं? क्या वजह है कि विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र अपने विशाल आकार को अभी वांछित प्रकार से व्यवस्थित नहीं कर सका है? बताने की जरूरत नहीं कि आजादी के बाद पहला आम चुनाव 1951-52 में हुआ था। उस समय हिन्दुस्तान का...

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किसानों की मौत छिपाता और सैनिकों की मौत भुनाता दिखावटी राष्ट्रवाद- अनुराग मोदी

1965 में एक तरफ देश की सीमा पर पाकिस्तान के साथ युद्ध हो रहा था और दूसरी तरफ देश सूखे और अकाल के संकट से जूझ रहा था. ऐसे समय में तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने नारा दिया था- ‘जय-जवान, जय-किसान.' आज पहले से ज्यादा किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे है- कुछ नहीं बदला, बल्कि इतने बुरे हालात कभी नहीं रहे. सरकार की नीतियों ने उनकी समस्या और बढ़ा...

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सीजेआई के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच जस्टिस एसए बोबडे करेंगे

नई दिल्लीः चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के ख़िलाफ़ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की आंतरिक जांच के लिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज न्यायमूर्ति एसए बोबडे को नियुक्त किया गया. जस्टिस बोबडे ने इसकी पुष्टि की. वरिष्ठता क्रम के मुताबिक जस्टिस एसए बोबडे सीजेआई के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं. उन्होंने बताया कि नंबर दो जज होने के नाते चीफ जस्टिस ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा...

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नागरिक होने का अर्थ केवल ज़िंदा रहना और वोट डालना भर रह गया है- रेयाजुल हक

हम एक अनोखे मुकाम पर खड़े हैं; देश में चुनाव हो रहे हैं और लोकतंत्र के भविष्य और जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों को लेकर चिंता गहराती जा रही है. क्या चुनाव वो जादुई कालीन नहीं बताए गए थे, जिन पर सवार होकर लोकतंत्र हमारी उम्मीदों के आसमान में एक खुशहाल भविष्य के रंग बिखेरने वाला था? फिर ऐसा क्यों है कि ठीक चुनावों के दौरान समाज में बेचैनी और चिंताएं मज़बूत...

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तीस लाख मतदाता चाहें भी तो इस चुनाव में मतदान नहीं कर सकते- आखिर क्यों, पढ़िए इस एलर्ट में !

‘वोट इंडिया वोट' के नारे के साथ एक सरकारी वेबसाइट पर लिखा है- ‘ मतदान प्रक्रिया में भाग लें, मतदाता होने पर गर्व महसूस करें.' लेकिन क्या कभी आपने सोचा कि भारत की एक बड़ी कामगार आबादी चाहे तो भी वोट नहीं कर सकती ? ऐसे कामगारों में एक नाम आता है ईंट भट्ठे के मजदूरों का ! इस बार ईंट भट्ठे पर काम करने वाले तकरीबन 30 लाख मजदूर अपने...

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