आखिरकार प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण कानून को संसद के इस मानसून सत्र में भी टालना ही पड़ा। विवादों में घिरे होने की वजह से सरकार द्वारा इसे मंत्री समूह को सौंप दिया गया है। चूंकि अभी केंद्र सरकार अपने दामन पर लगी कालिख पोंछने में लगी है, इसलिए यह खबर सुर्खियों में नहीं है। इसी विवादास्पद कानून के खिलाफ पिछले महीने ‘संघर्ष’ के बैनर तले हजारों लोगों ने जंतर-मंतर पर धरना...
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बीज घोटाले का पर्दाफाश, आखिर कहां गए 69 करोड़ रुपए- इंद्रप्रीत सिंह
चंडीगढ़।बीज घोटाले का पर्दाफाश करने वाले विपक्ष के नेता सुनील जाखड़ ने अब राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) की 69.43 करोड़ की ग्रांट को लेकर सरकार को घेरे में लिया है।जाखड़ ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने इस योजना की दूसरी किश्त भी पंजाब सरकार को जारी कर दी है लेकिन वित्तमंत्री...
More »श्वेत क्रांति के जनक वर्गीज कुरियन का निधन
आणंद (गुजरात) : दूध की कमी से जूझने वाले देश से भारत को दुनिया का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश बनाने वाले ‘श्वेत क्रांति’ के जनक डा. वर्गीज कुरियन का पडोसी नाडियाड के मुलजीभाई पटेल यूरोलॉजिकल अस्पताल में संक्षिप्त बीमारी के बाद आज तडके निधन हो गया. वह 90 साल के थे और उनके परिवार में पत्नी मॉली कुरियन और पुत्री निर्मला हैं. गुजरात कोआपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) अधिकारियों ने बताया,...
More »किसान बोले-पुलिस ही दोषी, पुलिसवालों ने कहा-हमें पीटा
रेवाड़ी.‘हम अपनी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं देना चाहते और इसलिए हम शांतिपूर्ण तरीके से अपना धरना दे रहे थे। पुलिस ने बर्बरता के साथ हम सभी पर लाठीचार्ज किया। हमारी अभी तक कोई सुनवाई नहीं की गई है।’ ‘पहले हमने लाठीचार्ज नहीं किया बल्कि किसानों की ओर से मारपीट शुरू की गई। स्थिति को काबू में करने के लिए ही कार्रवाई की गई।’ यह बयान थे दोनों पक्ष थे...
More »पर्यावरण भी हो विकास का मानक- अनिल पी जोशी
हमने विकास का सबसे बड़ा मापदंड सकल घरेलू उत्पाद की दर को माना है। किसी भी देश की प्रगति उसकी जीडीपी के आधार पर तय की जाती है। इसमें उद्योग, सुविधाएं, रियल इस्टेट बिजनेस, सेवाएं आदि मुख्य रूप से आते हैं। सही मायने में खेती को ही जीडीपी या उत्पादन की श्रेणी में आना चाहिए, क्योंकि अन्य उत्पाद हमारी सुविधाओं से जुड़े हैं, न कि आवश्यकताओं से। विकास की मौजूदा अवधारणा...
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