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ग्रामीण संकट: आठ सालों में पिछले साल मनरेगा के तहत नौकरियों की सबसे अधिक मांग रही

नई दिल्ली: मोदी सरकार के पिछले साल के आंकड़े दिखाते हैं कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत नौकरियों की मांग में बढ़ोतरी हुई है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2018-19 में 2017-18 की तुलना में काम की मांग में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. इसके साथ ही साल 2018-19 में साल 2010-11 के बाद से इस योजना के तहत व्यक्ति कार्य दिवस की सबसे अधिक संख्या दर्ज...

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अनसुनी रह जाती है जिनकी आवाज-- बद्रीनारायण

जनतंत्र में कुछ आवाजें हैं, जो ज्यादा सुनाई देती हैं। महानगर और शहर के बड़े तबके की आवाज तो जनतांत्रिक विमर्श में सुनी ही जाती है, कस्बों, राजमार्गों और मुख्य सड़कों के किनारे के गांवों की आवाज भी कई बार इसमें दर्ज हो जाती है। लेकिन जो अंतरे-कोने में पडे़ हैं, जो नदियों के किनारे के गांव हैं, जो दियारे में बसे गांव हैं, जो पहाड़ों की तलहटियों में और...

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उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का 10,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया

नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का बकाया 10,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. इस बकाया का 45 फीसदी से अधिक उन आठ में से छह निर्वाचन क्षेत्रों के किसानों का है, जहां 11 अप्रैल को पहले चरण का लोकसभा चुनाव हो रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक,लखनऊ में गन्ना आयुक्त कार्यालय द्वारा इकट्ठा किए गए आंकड़ों के अनुसार मौजूदा 2018-19 पेराई सीजन (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान...

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एचआरडी का राष्ट्रीय प्राथमिकता के विषयों पर पीएचडी कराने का आदेश, केरल की प्रोफेसर का इस्तीफ़ा

नई दिल्लीः सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ केरल (सीयूके) के बोर्ड ऑफ स्टडीज ऑफ अंग्रेजी एंड कम्परेटिव लिटरेचर की एक सदस्य ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के एक आदेश के विरोध में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशासन ने पीएचडी शोधार्थियों के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप शोध विषयों की एक सूची तैयार करने के संबंध में सभी विभागों को आदेश दिए हैं. यह निर्देश 13 मार्च...

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क्या मोदी सरकार ने चुनावी फायदे के लिए एक स्वतंत्र और विश्वनीय लोकपाल की बलि दे दी- अंजलि भारद्वाज

एक जनवरी 2014 को राष्ट्रपति ने संसद द्वारा पारित लोकपाल एवं लोकायुक्त कानून को मंजूरी दी थी. एक दमदार जन आंदोलन के बाद यह कानून बना था, जिसका मकसद भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए एक प्रभावी व स्वतंत्र लोकपाल (ऑम्बुड्समैन) बनाना था. ऐसा लोकपाल जो बिना किसी भय या पक्ष लिए उच्च स्तरीय सरकारी मशीनरी में भ्रष्टाचार के बड़े से बड़े मामलों को देखे. लोकपाल की जरूरत इसलिए महसूस की...

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