लगातार मौसम की मार ङोल रहे महाराष्ट्र के एक किसान ने शुक्रवार की रात आत्महत्या कर ली. उसने तुअर के खेत के बीच में अपनी चिता सजायी, उस पर लेट गया और खुद से आग लगा कर अपने जीवन का अंत कर लिया. घटना पश्चिमी विदर्भ के अकोला जिले के मनारखेड गांव की है. 76 साल के हताश और निराश किसान काशीराम इनडोरे को फसल चौपट होने के कारण यह...
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बार-बार कर्जमाफी योजनायें न लायें राज्य सरकारें: आरबीआइ
मुंबई: रिजर्व बैंक ने राज्य सरकारों के द्वारा बार-बार कर्जमाफी की योजनाओं की घोषणा करने पर ऐतराज जताया है. आरबीआइ के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि इन योजनाओं से कर्ज के उचित मूल्य के निर्धारण पर असर पड़ता है जिसके परिणामस्वरुप ऋण बाजार में गड़बड़ी पैदा होती है. राजन ने कहा कि ग्राहकों की सुरक्षा के लिए सूक्ष्म वित्त ऋणदाताओं द्वारा दिए जाने वाले ऋण पर ब्याज दरों...
More »भूखे रहने को मजबूर क्यों अन्नदाता? - देविंदर शर्मा
पिछले लगातार तीन वर्षों से गेहूं की खेती करने वाले किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 रुपए प्रति क्विंटल की मामूली बढ़ोतरी पाते रहे हैं। यह गेहूं के किसानों को भुगतान किए जा रहे दामों में तकरीबन 3.6 फीसद की बढ़ोतरी को दर्शाता है। यदि इसकी तुलना सितंबर में केंद्रीय कर्मचारियों को दिए गए 7 फीसद अतिरिक्त महंगाई भत्ता से करें तो पता चलता है कि असंगठित क्षेत्र में किसानों...
More »जमीन नहीं मिली, तो किसान ने तहसील में जहर पिया
अहमदाबाद। जमीन देने की मांग वाला आवेदनपत्र नामंजूर होने के बाद राजकोट जिले की पड़घरी तहसील के किसान ने तहसील में ही जहर पीकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से नाराज स्थानीय लोगों के साथ परिजनों ने शव को जिला क्लेक्टर कार्यालय ले जाकर घरना दिया। कार्यकारी कलेक्टर के न्याय के आश्वासन और इस मामले को एक बार फिर विशेष सचिव (विवाद) के समक्ष समीक्षा के लिए पेश करने तथा हर...
More »चीनी पर किसानों का पहला हक- वी एम सिंह
उत्तर प्रदेश में गन्ना सबसे बड़ी नकदी फसल है। इससे सीधे तौर पर 50 लाख किसान और उन पर आश्रित करीब दो करोड़ लोग जुड़े हुए हैं। मैं पिछले 20 वर्षों से गन्ना किसानों के हक में चीनी मिल मालिकों और प्रदेश व केंद्र सरकारों के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ रहा हूं। इस दौरान किसानों के पक्ष में अदालत से बहुत सारे ऐसे अहम फैसले हुए, जिनका तात्कालिक और दूरगामी असर...
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