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KBC 12 में करोड़पति बनने वाली नाज़िया नसीम

-बीबीसी, वो खूबसूरत हैं, उनकी भाषा अच्छी है, सलीके से बात करती हैं, तमाम सवालों के जवाब से लबरेज़ हैं, कॉन्फिडेंट हैं, फेमिनिस्ट हैं, खूब पढ़ती हैं और नौकरी करती हैं, घर भी चलाती हैं. ये नाज़िया नसीम हैं जिन्होंने भारतीय टेलीविजन के चर्चित शो 'कौन बनेगा करोड़पति' (केबीसी) के ताज़ा सीजन में एक करोड़ रुपये जीते हैं और इसके साथ ही वो इस सीज़न की पहली करोड़पति बन गई हैं. 11 नवंबर...

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इंटरव्यू- भारत में व्यावसायिक राजनीति है: मीरा नायर

-आउटलुक, सलाम बॉम्बे (1988) और मॉनसून वेडिंग (2001) जैसी सदाबहार फिल्मों के लिए पहचानी जाने वाली अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फिल्मकार मीरा नायर ने बीबीसी वन टेलीविजन की मिनी सीरीज के साथ वापसी की है। 1993 में विक्रम सेठ के बेस्ट सेलर उपन्यास ए सूटेबल बॉय पर इसी नाम से उन्होंने यह मिनी सीरीज बनाई है, जो अब नेटफ्लिक्स पर देखी जा सकती है। न्यूयॉर्क में रहने वाली फिल्मकार ने गिरिधर झा...

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अनलॉक 5.0: रफ्तार का इंतजार

-इंडिया टूडे बस स्टॉप पर जमा भीड़ मुंबई और इसके उपनगरों में दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. भरी बसें आ-जा रही हैं और बहुत कम लोग ही इसमें चढ़ पाते हैं. लोगों में हताशा बढ़ती जा रही है, लेकिन मुसाफिरों के पास विकल्प कम ही हैं. मुंबई अपनी आर्थिक गतिविधियों को बहाल करने की राह पर है, दफ्तर खोले जा रहे हैं और उद्योग कारोबार को दोबारा जमाने की कोशिश में...

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महामारी के दौर में बहुआयामी गरीबी के चक्र में फंसे लोग, 3 से 10 साल तक पिछड़ सकते हैं विकासशील देश!

बहुआयामी गरीबी मौद्रिक यानी पैसे आधारित गरीबी नहीं है बल्कि यह गैर-मौद्रिक आधारित गरीबी है, जो सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने की चुनौतियों से दृढ़ता से जुड़ी है. हालाँकि पहले गरीबी को केवल मौद्रिक यानी धन आधारित गरीबी के संदर्भ में ही परिभाषित किया गया था, लेकिन अब गरीबी को लोगों के अनुभवों की जीवंत वास्तविकता और उनके द्वारा भोगे जाने वाले अनेकों अभावों से जोड़कर देखा जाता...

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बुझ रही है कुदरत की लालटेन

-डाउन टू अर्थ, मसूरी के लंडोर में रहते हुए मुझे दो साल से अधिक हो गए हैं लेकिन मैंने कभी जुगनुओं को नहीं देखा था। स्थानीय लोग बताते हैं कि उन्होंने भी पिछले दो दशकों से जुगनू नहीं देखे। दुनियाभर में जुगनुओं के गायब होने का जो ट्रेंड देखा जा रहा है, लंडोर भी उससे अछूता नहीं है। लेकिन मुझे आश्चर्य उस वक्त हुआ जब इस साल जुलाई-अगस्त के महीने में...

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