वर्ष 2008 की विश्वव्यापी मंदी के बाद शुरू हुई खेती की जमीन के अधिग्रहण की प्रकिया भले ही अब मंद पड़ गई हो लेकिन वैश्विक खाद्य तंत्र पर कब्जा जमाने की प्रवृत्ति में कोई कमी नहीं आई है। छोटी जोतों और स्थानीय खाद्य बाजार की जगह वैश्विक खाद्य आपूर्ति तंत्र स्थापित करने की जो प्रक्रिया दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यूरोप-अमेरिका में शुरू हुई थी वह अब तीसरी दुनिया को अपनी...
More »SEARCH RESULT
किसान साधन-संपन्न, धान पर नहीं देंगे बोनस: मंत्री
बिलासपुर । सहकारिता मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि किसानों को बोनस नहीं देंगे। प्रदेश के किसान साधन संपन्न हैं। वैसे भी राज्य सरकार कई ऐसी योजनाओं के माध्यम से किसानों को सीधा फायदा पहुंच रही है। जब उनको फायदा पहुंचाया जा रहा है तो बोनस की जरूरत ही कहां है। सहकारिता मंत्री श्री बघेल रविवार को छत्तीसगढ़ भवन में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। वे लोक सुराज अभियान में...
More »बीपीएल से नाम कटा तो कई योजनाओं से हो जाएंगे वंचित
शत्रुघन केशरवानी, सागर। गरीब बनकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले संपन्न् लोगों के नाम अब जल्द से जल्द बीपीएल की सूची से कटने वाले हैं। बीपीएल सूची से नाम कटने के अलावा ऐसे फर्जी पात्र लोगों को सरकार की दूसरी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल सकेगा, जिससे फर्जी बीपीएल कार्डधारियों में हड़कंप मच गया है। प्रदेश में सबसे ज्यादा सागर जिले के लोग सरकारी राशन दुकानों से सस्ता...
More »कृषि ऋण माफी के आईने में-- वरुण गांधी
साल 1865 में अमेरिकी गृहयुद्ध के खत्म होने के बाद अमेरिका में कपास उत्पादन को फिर से बढ़ावा मिलने का नतीजा यह हुआ था कि वहां भारतीय कपास की मांग काफी कम हो गयी. इसके चलते बंबई प्रेसिडेंसी में किसानों से कपास की खरीद में कमी आयी और भुगतान-संबंधी मांग बढ़ गयी. कर्जदाता इच्छुक किसानों को कर्ज देने में हिचकने लगे या फिर वे बहुत ज्यादा ब्याज पर कर्ज देने...
More »जंगल से आती है भोजन की थाली-- बाबा मायाराम
पिछले साल सत्रह सितम्बर की सुबह 10 बजे थे। ओडिशा का छोटा कस्बा था मुनिगुड़ा। स्कूली बच्चों की एक टोली की भीड़ जमा है। यहां एक खाद्य प्रदर्शनी लगी है। कोई बैल की आकृति का भूरा कांदा, गुलाबी और लाल बेर, गहनों की तरह चमकते मक्के के भुट्टे, काली और सुनहरी धान की बालियां,फल्लियां और छोटे दाने का सांवा, कुटकी और मोतियों की तरह की ज्वार। इस खाद्य प्रदर्शनी में...
More »