मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति की बाट जोहते केंद्रीय सूचना आयोग में बीते नौ महीनों में लंबित मामलों की संख्या में एक चौथाई से ज्यादा की बढोत्तरी हुई है ! केद्रीय सूचना आयोग की वेबसाइट के अनुसार 22 अगस्त 2014 को आयोग में निपटारे की बाट जोहते मामलों की संख्या तकरीबन तीस हजार (29,959) थी जो नौ महीने बाद 19 मई 2015 को बढ़कर उनचालीस हजार से ज्यादा (39,416) हो गई...
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गुजरात मॉडल का राष्ट्रीय हो जाना- रामचंद्र गुहा
पिछले आम चुनाव के प्रचार में नरेंद्र मोदी ने बार-बार ‘गुजरात मॉडल' का जिक्र किया और वादा किया कि भाजपा सत्ता में आई, तो यह मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाएगा। पार्टी चुनाव जीत गई और मोदी ने अपना वादा निभाया। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने प्रशासनिक चुस्ती और व्यापार करने की आसानी बढ़ाने के लिए कई काम किए। जब वह प्रधानमंत्री बन गए, तब भी उन्होंने...
More »मोदी सरकार के 1 साल( विशेष आलेख, आलेख प्रभात खबर)
पिछले आम चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी का एक प्रमुख नारा था- ‘सबका साथ-सबका विकास'. अपने इस वादे पर अमल करते हुए सरकार ने पिछले एक साल में आम आदमी की समृद्धि और उन्हें आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से कई नयी योजनाएं शुरू कीं. कुछ पिछली योजनाओं में भी तब्दीली करते हुए उन्हें नये नाम और प्रारूप में शुरू किया गया. जन-धन, बीमा और पेंशन आदि से जुड़ी...
More »मौत आती है पर नहीं आती - अनुराग चतुर्वेदी
'मरते हैं आरजू में मरने की/मौत आती है पर नहीं आती।" 7 मार्च 2011 को अरुणा रामचंद्र शानबाग बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य के मुकदमे का फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने मिर्जा गालिब के इस शे"र को याद किया था। सोमवार को जब अरुणा ने आखिरी सांस ली, तब काटजू ने एक बार फिर यह शे"र दोहराया। इस दर्दनाक कहानी की शुरुआत 26 नवंबर 1973 को होती...
More »आरटीआइ की कुंद होती धार- चंदन श्रीवास्तव
सूचना के अधिकार को कानून बनानेवाले विधेयक पर राष्ट्रपति के दस्तखत 2005 में 15 जून को हुए थे, पर राज्यसभा ने इसे मंजूरी 12 मई को दे दी थी. चूंकि कानून इस मई महीने में अपने मौजूदा स्वरूप का दसवां साल पूरा कर रहा है, तो पूछा जाना चाहिए कि लोगों के हाथ इस कानून से कितने मजबूत हुए. इस कानून के अमल को लेकर मौजूदा केंद्र सरकार की गंभीरता का...
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