आंकड़ों की नजर से देखा जाये, तो भारतीय कृषि सहज बोध को धता बतानेवाली अजूबे सी दिखती है. कुछ इस तरह कि भारत की विकास दर के दहाई पार कर देश को अगली विश्व शक्ति बनाने के सपने दिखाने के ठीक बाद वैश्विक आर्थिक मंदी की चपेट में आते हुए ध्वस्त हो जाने पर कृषि क्षेत्र में सुधार ने ही संभाला था. और यह भी कि कुल आबादी के करीब 67...
More »SEARCH RESULT
जो खेती करे, वह किसान: नीतीश
नौबतपुर: केवल वही किसान नहीं हैं, जिनके पास जमीन है, बल्कि खेती से जुड़ा हर व्यक्ति किसान है. सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के उपाय कर रही है. तभी बिहार तरक्की करेगा. ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्री संस्कृति एवं किसान गौरव अभियान और खरीफ 2014 एवं हरी चादर कार्यक्रम का श्रीगणोश करते हुए कहीं. बिजली के लिए अलग फीडर : उन्होंने कहा कि धान की उपज में बिहार ने...
More »मंडियों में फसल आते ही सरकारी गोदामों से गेहूं की बिक्री बंद - आर एस राणा
खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत मध्य प्रदेश में गेहूं की बिक्री सरकार ने बंद कर दी है जबकि अन्य राज्यों में फ्लोर मिलों को गेहूं बेचने के लिए दो ओर निविदा जारी की जाएंगी। ओएमएसएस के तहत अभी तक केवल 50 लाख टन गेहूं की बिक्री ही हो पाई है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि मध्य प्रदेश में 15 मार्च से गेहूं की न्यूनतम...
More »कृषि वसंत से देश में दूसरी हरित क्रांति : राष्ट्रपति
नागपुर. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को यहां कहा कि कृषि वसंत से देश में दूसरी हरित क्रांति की शुरूआत होगी। उन्होंने देश की सकल घरेलू विकास दर बढ़ाने के लिए कृषि व उद्योग सेक्टर को मिलकर काम करने का आह्वान भी किया। वे यहां राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी ‘कृषि वसंत’ के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। वर्धा मार्ग पर केंद्रीय कपास अनुसंधान केंद्र परिसर में आयोजित राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी ‘कृषि वसंत’ का...
More »अगले सीजन के लिए गन्नामूल्य में मामूली बढ़त
केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2014 से शुरू होने वाले आगामी पेराई सीजन के लिए गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में मामूली 10 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 220 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की गुरुवार को हुई बैठक में पेराई वर्ष 2014-15 के लिए गन्ने के एफआरपी में बढ़ोतरी की गई, लेकिन चीनी मिलों को 40 लाख टन रॉ-शुगर के निर्यात पर इंसेंटिव...
More »