-द बेटर इंडिया, महाराष्ट्र के सांगली इलाके के काकासाहेब सावंत ने तकरीबन 10 सालों तक पुणे के कई बड़ी-बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में मैकेनिक के तौर पर काम किया है। लेकिन अब उनकी पहचान मैकेनिक के तौर पर नहीं होती है, बल्कि एक सफल किसान के रूप में होती है। उनकी एक नर्सरी है, जिससे उनकी सालाना कमाई 50 लाख रुपये है। 43 वर्षीय सावंत बताते हैं, “आज से 10 साल पहले, जब...
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मध्य प्रदेश: पर्यावरण दिवस पर वन बचा रहे शिवराज बक्सवाहा के जंगलों की बर्बादी पर मौन क्यों हैं
-द वायर, ‘बाग-बगीचे, जंगल, हरियाली केवल मनुष्य के लिए ही जीवनदायिनी नहीं है, अपितु जीव-जंतु, पशु-पक्षी आदि के जीवन का आधार है.’ ये शब्द मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हैं, जो 5 जून 2021 यानी ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के दिन एक अखबार में छपे उनके लेख में लिखे थे. लेकिन, विडंबना देखिए कि पर्यावरण के प्रति इतनी अधिक संवेदनशीलता रखने वाले शिवराज के ही राज्य के एक हिस्से में...
More »खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों से गरीब और प्रवासी मजदूरों को बचाने की अनकही चुनौती!
30 मई, 2021 को राष्ट्र के नाम अपने मन की बात संबोधन में, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस तथ्य की सराहना की कि किसानों को रबी उत्पादन से संबंधित "सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक" प्राप्त हुआ. पीएम के इस बयान से आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हरियाणा (और अन्य जगहों) में सरसों उत्पादकों ने बेहतर कीमत पाने के लिए एपीएमसी मंडियों (राज्य...
More »किसान हित के दावों के बीच सरकार ने लक्ष्य के मुकाबले छह फीसदी से भी कम दालें और तिलहन खरीदा
-द वायर, मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ छह महीने से भी अधिक समय से चल रहे आंदोलनों के बीच केंद्र ने साल 2021-22 की खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा की है. भाजपा और केंद्र सरकार इस मौके को किसानों के प्रति अपनी छवि सुधारने के रूप में इस्तेमाल कर रही है, जहां केंद्रीय मंत्रियों से लेकर भाजपा के नेता एवं कार्यकर्ता तक प्रधानमंत्री नरेंद्र...
More »महाराष्ट्र: कोविड-19 की दूसरी लहर से गांवों में रहने वाले परिवारों की बदहाली
-न्यूजलॉन्ड्री, महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 की दूसरी लहर ने ऐसा कहर बरपाया है कि बहुत से परिवार इससे घोर गरीबी के दुष्चक्र में फंस गए हैं. यह वो अनगिनत लोग हैं जिन्होंने अपने परिवार के उन सदस्यों को खोया जिनके ऊपर घर चलाने की सारी ज़िम्मेदारी थी. मुंबई में बैठे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनकी महाअघाड़ी सरकार के बाकी हुक्मरानों के लिए शायद महाराष्ट्र का मतलब सिर्फ...
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