बाढ़ ने भले ही देश में डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया हो या रेडक्रॉस ने भारत, नेपाल और बांग्लादेश में आयी बाढ़ को दक्षिण एशिया में गंभीर मानव संकट करार दिया हो, लेकिन भारत की राजनीति इस बाढ़ से सूखी है. ऐसा लगता है कि देश की राजनीति को कोई फर्क नहीं पड़ता कि अकेले बिहार में 1 करोड़ से ज्यादा लोग, तकरीबन पूरा...
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बाढ़ प्रबंधन : नदी प्रबंधन के सिवाय कोई चारा नहीं-- ज्ञानेन्द्र रावत
बाढ़ एक ऐसी आपदा है, जिसमें हर साल सिर्फ करोड़ों रुपयों का नुकसान ही नहीं होता, बल्कि हजारों-लाखों घर-बार तबाह हो जाते हैं, लहलहाती खेती बर्बाद हो जाती है और अनगिनत मवेशियों के साथ इंसानी जिंदगियां पल भर में अनचाहे मौत के मुंह में चली जाती हैं. अक्सर माॅनसून के आते ही नदियां उफान पर आने लगती हैं और देश के अधिकांश भू-भाग में तबाही मचाने लगती हैं. जब-जब बाढ़...
More »बंजर में तब्दील होती मिट्टी -- रमेश कुमार दूबे
जिस रफ्तार से मिट्टी की उर्वरता में ह्रास हो रहा है उसे देखते हुए आने वाले वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य हासिल हो पाएगा इसमें संदेह है। मांग के अनुरूप अन्न पैदावार में बढ़ोतरी की चुनौती तो भविष्य की बात है, कुपोषण की व्यापकता तो हमें कब का घेर चुकी है। यही कारण है कि भरपेट खाने के बावजूद कमजोरी महसूस होती है। परिवार के बुजुर्ग यह शिकायत करते...
More »नदियों पर तटबंध बनाना कहीं से भी उचित नहीं-- अनिल प्रकाश
बाढ़ नियंत्रण का कॉन्सेप्ट ही गलत है. इसकी जगह बाढ़ प्रबंधन का काम होना चाहिए. नदियों को अविरल बहने देना चाहिए और जहां अवरोध हो, उसे हटाना चाहिए. यह बेसिक कॉन्सेप्ट अपनाया जाना चाहिए. नदियों पर तटबंध बनाना कहीं से भी उचित नहीं है. यह सुरक्षा का भ्रम पैदा करते हैं. एक बात और जो मैं कहना चाहता हूं, वह यह कि हम लोग जिस इलाके में रहते हैं. वहां...
More »बिहार में बाढ़ की तबाही, अबतक 72 की मौत, 73 लाख प्रभावित
बिहार में बाढ़ की तबाही का मंजर थमने का नाम नहीं ले रहा है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक अब तक राज्य में इस प्राकृतिक आपदा की वजह से मरने वालों की संख्या 72 तक पहुंच गई है। राज्य के 14 जिलों की 73.44 लाख जनसंख्या इस बाढ़ से प्रभावित है। बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त सचिव अनिरुद्ध ने मरने वालों की संख्या के आंकड़ों की पुष्टि की है। मिली जानकारी...
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