पटना: किसी के पास भवन नहीं, तो किसी के पास क्लास रूम की कमी, कोई स्कूल के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है, तो कहीं लाइब्रेरी के नाम पर चार किताबें हैं. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा जब स्कूलों की जांच शुरू की गयी, तो ऐसे कई स्कूल मिले, जो बस खानापूर्ति कर रहे हैं. इन दिनों समिति द्वारा राज्य भर के 519 स्कूलों की जांच की जा रही है. विकास के लिए...
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भारत का 'चुप्पा' विकास जो किसी को नहीं दिखा
उस वक्त को गुजरे ज़्यादा दिन नहीं हुए जब भारत के सबसे ग़रीब ज़िलों में बुनियादी सुविधाएं बहुत कम और विरल थीं. ज़्यादातर लोग अपने हालात के भरोसे थे. इनमें से कुछ लोगों को भरे-पूरे प्राकृतिक वातावरण का संग-साथ हासिल था और शायद उनकी जिन्दगी में वह आज़ादी और उत्साह भी था जो आज खो गया है. लेकिन अन्य बहुत से लोग भूख, असुरक्षा और शोषण के साये में रहते थे...
More »आज से स्कूलों में बच्चों को बांटी जायेगी राशि
पटना : बिहार के स्कूली बच्चों को सोमवार से शिक्षा विभाग के विभिन्न योजनाओं की राशि बांटी जायेगी. छात्रवृत्ति, पोशाक और साइकिल योजना की राशि प्रधानाध्यापक बैंक से निकालेंगे और बच्चों के बीच इसका वितरण होगा. बैंकों और राशि वितरण स्थल पर सुरक्षा के इंतजाम रखे गये हैं. प्रधानाध्यापकों को राशि निकालने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए सोमवार से अतिरिक्त काउंटर भी खोले जायेंगे, जिसमें सिर्फ इन योजनाओं की राशि...
More »देश के स्कूलों में ड्रापआउट बड़ी समस्या
भारत की स्कूली शिक्षा में बहुत बड़ी समस्या ड्रॉप-आउट की है. जितने बच्चे गांव शहर समाज में हैं, एक तो सभी स्कूल आते नहीं हैं, उतने स्कूली शिक्षा समाप्त नहीं कर पाते हैं. अनेक कारणों से काफी बच्चे बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं. वे ड्रॉपआउट कर जाते हैं. इन ड्रॉप आउट करनेवाले बच्चों में लड़कियों की संख्या अनुपात से अधिक है व प्रगति की इच्छा रखनेवाले समाज के लिए चिंता का...
More »कहां चूक गये हम ? - श्रीश चौधरी
आजादी के 66 वर्षो बाद भी शिक्षा जैसे बुनियादी विषय पर समाज की ऐसी दयनीय स्थिति चिंता व खेद का कारण है. हमारी गरीबी, हमारा पिछड़ापन, शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में हमारे उत्साह एवं प्रयास के अभाव का ही परिणाम है. स्वतंत्रता के बाद ही ऐसे कदम उठाये जाने चाहिए थे, ऐसी नीतियां बननी चाहिए थीं, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सर्वव्यापी बनाते. परंतु वैसा नहीं हुआ. परिणाम सामने है - जिस समाज की...
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