संख्या के आधार पर देखा जाए, तो दुनिया में भारत की स्कूली शिक्षा-व्यवस्था चीन के बाद दूसरे स्थान पर होगी। देश के15 लाख स्कूलों में 26 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं। इन 15 लाख स्कूलों में 11 लाख सरकारी और चार लाख प्राइवेट स्कूल हैं। प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों की संख्या 85 लाख है, जिनमें से 47 लाख अध्यापक सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं। हर वर्ष सालाना परीक्षाओं में जब...
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समृद्धि की शर्त समाज सुधार-- आकार पटेल
संयुक्त राष्ट्र प्रति व्यक्ति वार्षिक सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) के हिसाब से देशों की एक सूची जारी करता है. इसमें भारत 150वें स्थान पर है. हमारी प्रति व्यक्ति सालाना जीडीपी 1,586 डॉलर है. इसका मतलब यह हुआ कि औसत भारतीय हर महीने 8,800 रुपये मूल्य का सामान और सेवाएं उत्पादित करता है. भारत से निचले स्तर पर खड़े देशों में यमन (1,418 डॉलर), पाकिस्तान (1,358 डॉलर), केन्या (1,358 डॉलर), बांग्लादेश...
More »उत्पादन में रोबोट का बढ़ रहा है दखल, जॉब्स पर असर..
उत्पादन की प्रक्रियाओं में रोबोट के बढ़ते दखल से दुनियाभर में जॉब्स को लेकर चिंता बढ़ रही है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन भी पिछले दिनों इस संबंध में चिंता जता चुके हैं. अनेक वैश्विक संस्थाएं लगातार इसका अध्ययन कर रही हैं और उनकी रिपोर्ट बताती है कि वाकई में भविष्य में अनेक प्रकार के इनसानी जॉब्स पर रोबोट के हावी होने का खतरा बढ़ रहा है....
More »भ्रष्टाचार के पैमाने पर सब समान-- राजदीप सरदेसाई
महाराष्ट्र और पूरे देश में सत्ता का रियल एस्टेट से विवादास्पद रिश्ता रहा है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण एक वाकया बताते हैं कि एक बार उन्होंने मुंबई में बहुमंजिला पार्किंग और अधिक प्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) संबंधी जमीन के नियम बदलने का प्रयास किया, उद्देश्य था अधिक पारदर्शिता लाना। जब प्रस्ताव रखा गया तो कैबिनेट की बैठक में चुप्पी छा गई। चव्हाण ने कहा, ‘कैबिनेट के मेरे कुछ...
More »बेरोजगारी बढ़ने के सबब-- अरविन्द जयतिलक
पिछले दिनों प्रकाश में आई ‘एस्पाइरिंग माइंड्स' की ‘नेशनल इम्पालयबिलिटी रिपोर्ट' चिंतित करने वाली है। यह रिपोर्ट बताती है कि इंजीनियरिंग डिग्री रखने वाले स्नातकों में कुशलता की कमी है और उनमें से करीब अस्सी फीसद स्नातक रोजगार के काबिल नहीं हैं। गौरतलब है कि यह रिपोर्ट देश भर के साढ़े छह सौ से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेजों के तकरीबन डेढ़ लाख इंजीनियरिंग छात्रों पर किए गए अध्ययन पर आधारित है।...
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