नई दिल्ली: बड़े नेताओं के साथ कश्मीर में राजनीतिक रूप से हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने के लिए एक बॉन्ड पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं जो देश में संविधान के तहत मिले अधिकारों का खुलेआम दुरुपयोग है. रिहा किए जाने वाले लोगों से जिन बॉन्ड पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं उसके तहत रिहाई की यह शर्त है कि वे अनुच्छेद 370 सहित कश्मीर के हालिया हालात...
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विपक्षी धारा का आधारहीन हो जाना-- बद्री नारायण
भारतीय राजनीति में विपक्ष लगातार कमजोर होता जा रहा है। इसे हमें राजनीतिक दलों और उनके नेतृत्व के हिसाब से ही नहीं, इन दलों के सामाजिक आधार के हिसाब से भी देखना होगा। विपक्ष में रहने की आदत और चाहत समाज के आगे बढ़े हुए तबकों में तो कमजोर हुई ही है, गरीबों और पिछड़ों आदि को भी लगातार विपक्ष में बने रहना उनके अस्तित्व के लिए मुश्किल लगता है।...
More »न्याय योजना की आलोचना पर बोले अभिजीत बनर्जी, अगर भाजपा कहती तो उसकी भी मदद करता
नई दिल्ली: नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि उन्हें न्यूनतम आय योजना (न्याय योजना) पर कांग्रेस पार्टी को सलाह देने का कोई अफसोस नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा ने उनके कहा होता तो वे उनकी भी मदद करते. अभिजीत बनर्जी का यह बयान भाजपा नेताओं की उस टिप्पणी के बाद आया है जिसमें नोबेल पुरस्कार के लिए अर्थशास्त्री की प्रशंसा करते हुए भाजपा नेताओं न्याय कार्यक्रम...
More »असम में कुछ नहीं हासिल हुआ तो देश भर में एनआरसी से क्या हासिल होगा?-- कृष्ण प्रताप सिंह
कोई भी समस्या हो और वह कितनी भी जटिल क्यों न हो, सरकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे नागरिकों को उसके समाधान के प्रति आश्वस्त रखेंगी. वे ऐसा करती हैं तो इसका सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि बेवजह के अंदेशे नहीं फैलते. साथ ही उन्हें लेकर उद्वेलित तबकों में ऐसे विश्वास का संचार होता है जो उन्हें सच्चे झूठे भयों से पीड़ित होने से बचाता है....
More »अराजक राहों पर राहत का कानून-- शशिशेखर
दृश्य 1 : हम भागलपुर से पटना लौट रहे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर हमारे आगे एक साइकिल सवार चल रहा है। साइकिल के पीछे कैरियर लगा है, जिस पर ताजा काटी हुई ऐसी वनस्पति लदी है, जो साइकिल के दोनों ओर दो से ढाई फीट तक पसरी हुई है। ऊंचाई इतनी कि साइकिल चालक के कंधे बमुश्किल दिखाई पड़ रहे हैं। उसकी साइकिल की गति इतनी मंथर है कि लड़खड़ाकर...
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