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उच्च शिक्षा की ढ़लान- शशांक द्विवेदी

जनसत्ता 30 दिसंबर, 2013 : पिछले दिनों केंद्र सरकार ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए भी तकनीकी और इंजीनियरिंग संस्थान खोलने की मंजूरी दे दी। अब तक कॉलेज को खोलने के लिए सोसाइटी या ट्रस्ट का गठन जरूरी था। केंद्र सरकार की इस नई पहल के तहत तकनीकी, इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए कॉलेज शुरू करने वाली कंपनियों को कंपनी अधिनियम-1956 की धारा-25 के तहत...

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नये साल में आर्थिक व्यूह रचेगा भारत!- पुष्परंजन

भारतीय आइटी उद्योग उत्तर अमेरिका से सरक कर यूरोप की ओर जा रहा है. 2014 में इस तरह की भविष्यवाणी से अमेरिका की भृकुटी तन गयी है. नास्कॉम के अध्यक्ष सोम मित्तल की सुनिये, तो यूरोप भारतीय आउटसोर्सिस सेवा को इस साल अपनी ओर आकर्षित करेगा, जिससे सिर्फ आइटी सेक्टर से 108 अरब डॉलर के लाभ की उम्मीद की जा सकती है. क्या इसके लिए 22 से 25 जनवरी तक दावोस में...

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भारतीय किसान विदेशी जमीन पर उगा रहे सोना

काला सागर के किनारे स्थित जॉजिर्या कभी सोवियत संघ का हिस्सा था. अब वहां भारतीय किसान अपनी मेहनत से खेतों में सोना उगा रहे हैं. इनमें से अधिकतर पंजाब के हैं. जॉजिर्या सरकार कृषि में निवेश बढ़ाने के लिए विदेशियों को अपने यहां न्योता दे रही है. जमीनें सस्ती दरों पर उपलब्ध हैं, जिन्हें भारतीय किसान खरीद रहे हैं. लेकिन, स्थानीय किसान इसका विरोध भी कर रहे हैं.  जॉजिर्या की राजधानी...

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मछुआरों की सुरक्षा पर केंद्र और तमिलनाडु सरकार को उच्चतम न्यायालय का नोटिस

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों के पकड़े जाने पर चिंता जाहिर करते हुए आज केंद्र एवं राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और तमिलनाडु सरकार से यह जानना चाहा है कि कूटनीतिक एवं राजनीतिक माध्यमों के जरिए इस मुद्दे का समाधान कैसे किया जाएगा। देश की सबसे बड़ी अदालत ने इस बात पर खुशी जताई...

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कुप्रबंध की संस्कृति- हरिवंश

देश, वाचाल वृत्ति, बौद्धिक विलासिता, पर-उपदेश वगैरह की ‘लचर जीवन संस्कृति’ से नहीं चलता. आज के भारत में सरकार, राजनीति से लेकर समाज स्तर पर यही जीवन संस्कृति है. अमर्त्य सेन जिस ‘आर्ग्यूमेंटेटिव इंडिया’ (बहस में डूबे भारत) की बात करते हैं, उसे जमीन पर देखें-समझें तो बात ज्यादा स्पष्ट और साफ होती है. मूलत: हम बातूनी लोग हैं, बिना कर्म बात-बहस करनेवाले. किसी के बारे में कुछ भी टिप्पणी....

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