नई दिल्ली. करीब 9 महीने पहले नरेंद्र मोदी 'अच्छे दिनों' के नारे और वादों के साथ पर केंद्र की सत्ता पर काबिज हुए थे। इसके लिए उन्होंने बहुत ही प्रभावशाली तरीके से गुजरात के विकास के मॉडल को देश के सामने रखकर लोगों को 'अच्छे दिनों' का सपना दिखाया था। लेकिन जिस तरह से दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारी हार मिली है, उससे साफ हो...
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फिर से भारत उदय- सुनील भारती मित्तल
भारत में उम्मीद की एक ताजा हवा बह रही है। नई सरकार, जिसे देश ने निर्णायक जनादेश दिया, तेजी से देश के विकास एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। पिछले बारह महीनों में घटनाक्रम में जो बदलाव आया है, उसने राष्ट्रीय मानस का निर्माण किया है। जो वैश्विक निवेशक पहले भारत के बारे में सवाल उठा रहे थे, वे अब देश में विकास संभावनाओं में सुधार की बातें कर रहे...
More »अध्यादेशों पर दोहरा रुख किसलिए? - ए. सूर्यप्रकाश
नरेंद्र मोदी सरकार इन दिनों आर्थिक सुधार को गति देने के लिए अध्यादेशों का सहारा लेने और संसद में गतिरोध से पार पाने के लिए आलोचना के घेरे में है। कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी दल सरकार पर अध्यादेश राज थोपने का आरोप लगा रहे हैं और इस बारे में संवैधानिक प्रावधानों के उपयोग को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। इस बारे में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी चिंता...
More »लूट का अध्यादेश- के सी त्यागी
बाईस दिसंबर को संसद का सत्र समाप्त होने के तुरंत बाद सरकार द्वारा जारी अध्यादेश से जहां बिल्डर समुदाय और कॉरपोरेट घराने गदगद हैं वहीं दूसरी ओर किसान फिर पुरानी शंकाओं से भयभीत हैं। वित्तमंत्री अरुण जेटली कुशल अधिवक्ता हैं, वे अपनी सरकार द्वारा किए गए इन बदलावों को बड़ी चतुराई से शब्दों का ताना-बाना बुन कर किसानों के हित में बताने का विफल प्रयास कर रहे हैं। पर शायद...
More »..तो परमाणु समझौते किसे फायदा होगा?
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच परमाणु समझौते की घोषणा हुई। इसे भारत की ऊर्जा संबंधी जरूरतों के नजरिए से बेहद खास माना जा रहा है। हालांकि एक बड़ा सवाल ये जरूर उठ रहा है कि इस समझौते से किसको ज्यादा फायदा होगा? भारत को या फिर अमेरिका को। कहा ये भी जा रहा है कि इससे अमेरिकी कंपनियों को तत्काल फायदा होगा। इस...
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