SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 3863

हे भगवान प्लास्टिक- सुसान फ्रिंकेल

लगभग नब्बे बरस पहले हमारी दुनिया में प्लास्टिक नाम की कोई चीज नहीं थी. आज शहर में, गांव में, आस-पास, दूर-दूर जहां भी देखो प्लास्टिक ही प्लास्टिक अटा पड़ा है. गरीब, अमीर, अगड़ी-पिछड़ी पूरी दुनिया प्लास्टिकमय हो चुकी है. सचमुच यह तो अब कण-कण में व्याप्त है--शायद भगवान से भी ज्यादा! मुझे पहली बार जब यह बात समझ में आई तो मैंने सोचा कि क्यों न मैं एक प्रयोग करके देखूं-...

More »

एक अफसर के संकल्प ने बदल दिया सिमरकुंडी गांव

 कोडरमा जिले के मरकच्चो प्रखंड के सिमरकुंडी गांव की चर्चा न केवल अपने जिले एवं राज्य की राजधानी रांची बल्कि दिल्ली में भी है. इसकी वजह है गांव में आया जबर्दस्त सामाजिक एवं आर्थिक बदलाव. यह गांव कोडरमा-गिरीडीह मुख्य पथ पर बरियाडीह से सात किलोमीटर दूर स्थित है. गांव में 40 परिवार वास करते हैं. इसमें 20 संथाल, 17 घटवार एवं तीन रवानी जाति के हैं. 2007 से पहले इस गांव...

More »

गांवों में महज 17 रुपए में गुजर-बसर कर रहे हैं गरीब : एनएसएसओ

नई दिल्ली. गांवों में रहने वाले सबसे ज्यादा गरीब लोग हर रोज औसतन 17 रुपए खर्च करते हैं। वहीं शहरों में सबसे गरीब 23 रुपए के खर्च पर दिन निकालते हैं। यह आंकड़े नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (एनएसएसओ) ने गुरुवार को जारी किए हैं। नए आंकड़ों के अनुसार, सबसे कम खर्च करने वाली पांच फीसदी आबादी का प्रतिव्यक्ति मासिक खर्च गांवों में 521.44 रुपए है। जबकि शहरों में 700.50...

More »

रिलायंस को सेज सरेंडर की इजाजत, प्रदेश में योजना को लगा झटका

चंडीगढ़. हरियाणा सरकार ने मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्री को स्पेशल इकॉनोमिक जोन (सेज) सरेंडर करने की इजाजत दे दी। 12 जून को कामर्स सेक्रेटरी एसआर राव की अध्यक्षता में बोर्ड ने यह मंजूरी प्रदान करने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने इस सेज को डिनोटिफाई करने का निर्णय ले लिया है।   ध्यान रहे रिलायंस ने गुड़गांव जिले के गांव मोहम्मदपुर, जोरासा, गुरली खुर्द, खंडसा और हरसरू गांव...

More »

आपदा का खोखला प्रबंधन!

उत्तराखंड में प्रकृति की विनाशलीला शायद कम हो सकती थी, अगर समय रहते इससे निबटने के लिए जरूरी इंतजाम कर लिये गये होते. लेकिन सीएजी की रिपोर्टो और नागरिक समाज द्वारा दी जानेवाली चेतावनियों के बावजूद भी सरकार नहीं चेती. कैसे काम करता है हमारा आपदा प्रबंधन तंत्र, आपदाओं का सफलतापूर्वक सामना करने में क्यों चूक जाते हैं हम, बता रहा है नॉलेज.. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि हमलोग...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close