SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 11629

आर्थिक संतुलन लेकिन नजर वोट पर-- कन्हैया सिंह

अर्थशास्त्र की भाषा में हम जिसे चुनावी बजट कहते हैं, वैसा यह बजट नहीं है। चुनावी बजट हम उसे कहते हैं, जिसमें सरकार तरह-तरह के मतदाताओं को तोहफे बांटते समय वित्तीय घाटे का ख्याल नहीं रखती। लेकिन इस बजट की खास बात यह है कि इसमें वित्तीय घाटे का पूरा ख्याल रखा गया और उसे एक सीमा से अधिक नहीं बढ़ने दिया गया है। अभी तक यह 3.3 फीसदी था,...

More »

गोधरा मामले में सज़ा सुनाने वाले जज को रिटायरमेंट के बाद गुजरात सरकार में मिला न्यायिक अधिकारी का पद

गांधीनगर: 2002 के गोधरा ट्रेन हमला मामले में जज के रूप में 11 दोषियों को फांसी की सजा सुनाने वाले गुजरात उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल पीआर पटेल को सेवानिवृत्त होने वाले दिन ही गुजरात सरकार ने विशेष अधिकारी (न्यायिक कार्यवाही) नियुक्त कर दिया. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पीआर पटेल ने राज्य सरकार के कानून विभाग में 1 जनवरी से अपना नया पदभार संभाल लिया है. वह जून 2017 में उच्च...

More »

कांग्रेस की न्यूनतम आय गारंटी बिना कर बढ़ाए संभव ही नहीं- योगेन्द्र यादव

वादे की शक्ल में एक बड़ी बात 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले सामने आ चुकी है- राहुल गांधी ने न्यूनतम आय गारंटी की बात कही है. अभी तक चुनावी माहौल खोखली और शोरगुल से भरी टकराहटों के मार्फत बनता दिख रहा था- पिछले कुछ सालों में हम ऐसी टकराहटों के साक्षी बने हैं. याद करें: ऐन आखिर के लम्हे को वह चतुर-बौराहट भरी पहलकदमी जिसमें गरीब अगड़ी जातियों को...

More »

क्या प्रधानमंत्री को नहीं पता कि तनाव बोर्ड परीक्षा नहीं बल्कि शिक्षा की हालत के कारण है- रवीश कुमार

आचार संहिता से पहले एक सौ रैलियां करने निकले प्रधानमंत्री के पास बोर्ड परीक्षा के छात्रों को संबोधित करने के लिए भी वक्त बचा रह गया. एक स्टेडियम बुक हुआ, 2000 छात्रों को बुलाया गया और देश भर के स्कूलों में नोटिस गया कि कार्यक्रम दिखाना है. लिहाज़ा बच्चों को स्कूलों के ऑडियो विजुअल रूम में ले जाया गया और उन्होंने यह कार्यक्रम देखा. कई स्कूलों में इस कारण पढ़ाई नहीं...

More »

खुद की अदालत में मीडिया-- मृणाल पांडे

हमारे साहित्य या मीडिया में खुद अपने भीतरी जीवन की सच्चाई जिक्री तौर से ज्यादा, फिक्री तौर से कम आती है. मसलन दर्शक-पाठक भली तरह जान चुके हैं कि मीडिया के भीतर कैसी मानवीय व्यवस्थाएं हैं, खबरें कैसे जमा या ब्रेक होती हैं. पत्रकारों के बीच एक्सक्लूसिव खबर देने के लिए कैसी तगड़ी स्पर्धा होती है. लेकिन, पिछले दो दशकों में उपन्यासों, कहानियों या मीडिया पर लिखे जानेवाले काॅलमों में...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close