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तेल कंपनियों को मंजूर नहीं और सस्ते सिलेंडरों का बोझ

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद सरकार ने भले ही सस्ते रसोई गैस सिलेंडरों का कोटा छह से बढ़ा कर नौ करने का मन बनाया हो लेकिन तेल कंपनियों ने इसका बोझ उठाने से इन्कार कर दिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि इस वजह से 9000 करोड़ रुपये का जो आर्थिक बोझ बढ़ेगा उसकी पूरी भरपाई सरकार को करनी होगी। सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों तेल विपणन कंपनियों...

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पहली जनवरी से संभव नहीं नकद सब्सिडी ट्रांसफर

नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। लोगों के हाथों में सीधे नकद सब्सिडी भुगतान योजना को भले ही अगले आम चुनाव से पहले केंद्र सरकार का सबसे बड़ा दांव माना जा रहा हो लेकिन इसे लागू करने को लेकर दिक्कतें कम होती नहीं दिख रही हैं। केंद्र ने जिन 51 शहरों में अगले वर्ष की शुरुआत से इस योजना को लागू करने का कार्यक्रम तैयार किया है वहां भी इसके क्रियान्वयन को लेकर संशय है।...

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मणिशंकर अय्यर ने सांसदों को जानवर बताया

नयी दिल्‍लीः एफडीआई के मुद्दे पर बोलते हुए कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने विपक्षी सांसदों की तुलना जानवरों से कर दी. न्‍यूज चैनल आईबीएन 7 के चर्चित टॉक शो एजेंडा में मणिशंकर अय्यर ने कहा कि संसद के वेल में आकर विपक्षी दल के सांसद जानवरों की तरह व्‍यवहार करने लगते हैं. मणिशंकर अय्यर के इस बयान के बाद चारों तरफ चर्चाएं तेज हो गईं हैं. विपक्ष तिलमिला गया...

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कोयले-गैस की कमी से रुकी हैं 20,000 मेगावाट क्षमता की बिजली परियोजनाएं

नई दिल्ली। बिजली संयंत्रों को ईंधन की आपूर्ति में कमी से देश में 20,000 मेगावाट क्षमता की नयी परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं। यह बात बिजली मंत्रालय के एक अधिकारी ने कही। बिजली मंत्रालय के संयुक्त सचिव आईसीपी केसरी ने यहां उर्च्च्जा पर एक सम्मेलन में कहा कि मंत्रालय मौजूदा संयंत्रों को गैस की आपूर्ति के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय से चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा कि कुल 8,000 मेगावाट क्षमता...

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गुजरात के विकास का सच

जनसत्ता 6 नवंबर, 2012: अमिताभ बच्चन जब भी रेडियो और टेलीविजन पर एक विज्ञापन ‘खुशबू गुजरात की’ करते हैं तो उनकी दिलकश आवाज और लहजे से एक बार तो मन करता है कि ‘गुजरात-2002’ को भूल कर एक साधारण पर्यटक की तरह गुजरात घूमा जाए। नरेंद्र मोदी ने, विशेषकर 2002 के बाद, मीडिया में अपनी और गुजरात की छवि सुधारने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। दरअसल, 2002 के दंगों के एक वर्ष बाद...

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