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25000 शिक्षकों को नहीं मिल रहा वेतन

पटना: इस साल जनवरी-फरवरी में कैंपों के जरिये नियुक्त करीब 25 हजार शिक्षकों को अब भी वेतन नहीं मिल पाया है. इनमें से अधिकतर को तो बैंकों में खाता भी नहीं खुला है. कहीं पंचायत के प्रतिनिधि नहीं मिल रहे हैं या फिर जो मिल रहे हैं, वे जानबूझ कर दस्तखत नहीं कर रहे हैं. राज्य भर के जिला शिक्षा पदाधिकारियों व जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) की बैठक में यह समस्या...

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अब स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल नहीं होगा मोदी का जीवन वृतांत

नयी दिल्ली/ भोपाल : मध्यप्रदेश  और गुजरात सरकार अपने यहां के स्कूलों के पाठ्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जीवन वृतांत शामिल नहीं करेगी.  स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक जोशी ने प्रधानमंत्री द्वारा आज इस संबंध में किये गये ट्वीट पर प्रतिक्रिया में कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरुप स्कूली पाठ्यक्रम में मोदी के जीवन वृतांत को शामिल नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि पूर्व में राज्य सरकार ने निर्णय किया था कि मोदी का...

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नि:शक्तों को समान अवसर का है अधिकार- आर के नीरद

नि:शक्तों को वह सब अधिकार मिला हुआ है, जो एक सामान्य व्यक्ति को है. नि:शक्तता के आधार पर उसके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता, बल्कि एक सामान्य व्यक्ति के मुकाबले उसकी शारीरिक या मानसिक कमी की भरपाई के लिए उसके साथ विशेष व्यवहार किया जाना है. शारीरिक रूप से नि:शक्त व्यक्ति के मामले में समाज का नजरिया बदला भी है, लेकिन मानसिक रूप से विकलांग व्यक्ति के प्रति अब...

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शिक्षकों का कमाल: मिड डे मील में मिलता है देसी घी का हलवा और मटर-पनीर

भिवानी. अधिकतर राजकीय स्कूल मिड डे मील के बजट का रोना रोते रहते हैं कि इतने कम पैसों में बच्चों को कैसे खिलाएं। इसके ठीक विपरीत भिवानी जिले के गांव धनाना में चल रही राजकीय प्राथमिक पाठशाला ऐसी है, जहां मिड डे मील में बच्चों को शुद्ध देशी घी के हलवे के अलावा मटर पनीर की सब्जी के साथ सलाद भी परोसी जाती है।   मिड डे मील इंचार्ज राजेंद्र सिंह की...

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विकास के मॉडल का सवाल- के पी सिंह

जनसत्ता 22 मई, 2014 : चुनाव प्रचार के दौरान विकास के बहुतेरे मॉडल विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की ओर से प्रस्तुत किए गए। इससे पहले के चुनावों में भी विकास का कोई न कोई खाका पेश करके राजनीतिक दल मतदाताओं का विश्वास हासिल करते रहे हैं। इसके बावजूद ग्रामीण और दुर्गम पहाड़ी अंचलों में अधिकतर नागरिक आज भी स्वच्छ पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे...

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