विकसित देशों के मुकाबले भारत में अधिकतर फसलों की पैदावार प्रति एकड़ काफी कम है. इसका एक बड़ा कारण खेती में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल अब तक बहुत कम होना है. विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय कृषि क्षेत्र में यदि आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाये, तो फसलों की पैदावार में व्यापक पैमाने पर बढ़ोतरी हो सकती है. सेंसर, अॉटोमेशन और इंजीनियरिंग की अनेक विधाओं का इस्तेमाल करते...
More »SEARCH RESULT
मजदूरी का पहिया -- जयराम शुक्ल
कुछ दिन पहले अपने मध्यप्रदेश के ओरछा से जाते हुए पन्ना से गुजरना हुआ। रास्ते में सामने से आती हुई एक के बाद एक बसों को देखकर चौंका। चौंकने की वजह थी, किसी में गुनौर से गुड़गांव तो किसी में पवई से रोहतक लिखा था। कई और बसों से भी वास्ता पड़ा, जिनमें हरियाणा और पंजाब के शहरों के नाम लिखे थे। पहले तो खयाल आया कि संभव है ये...
More »भूख नहीं जानती सब्र-- संजीव पांडेय
दुष्यंत कुमार का शेर है : भूख है तो सब्र कर, रोटी नहीं तो क्या हुआ। आजकल संसद में है जेरे-बहस ये मुद्दआ। शायर इसमें हुक्मरानों की खिल्ली उड़ा रहा है क्योंकि वह जानता है कि भूख सब्र नहीं जानती। इसके बावजूद हमारी व्यवस्था गरीबों का इम्तहान लेती रहती है। महज कुछ दिनों के अंतर पर ही झारखंड में भूख से तीन मौतें हुर्इं; उस राज्य में जो खनिज संसाधनों...
More »मनरेगा से मिलने वाली मजदूरी पर लगा जीएसटी..
धमतरी। जहां तक हमने सुना है कि जीएसटी की दरें सिर्फ खरीदी ब्रिकी या फिर आयात निर्यात सहित व्यवसाय शुरू करने या बंद करने के लिए माल और सेवाओं की आपूर्ति पर लागू की जाती है. लेकिन धमतरी में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक मनरेगा मजदूर के भुगतान की ही राशि में एक्सिस बैंक शाखा धमतरी ने जीएसटी लगाकर कटौती कर दी है. वही...
More »सरकारी व्यवस्था पर ख्यालीबाई नि:शब्द, दो साल से फाइल में दबा 'आवास'
रमन बोरखड़े, सेंधवा (बड़वानी)। 31 अक्टूबर...ठीक इसी दिन सेंधवा के सोलवन गांव के किसान भीम सिंह ने कर्ज, सूखा और तंगहाली से लाचार होकर अपने ही खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। खुदकुशी की इस भयावह तस्वीर ने पूरे प्रदेश को नि:शब्द कर दिया था। दो साल बाद जो बातें सामने आ रही हैं, वो भी स्तब्ध करने वाली हैं। घटना के बाद जिला प्रशासन ने भीमसिंह के परिवार...
More »