एशियाई शेरों के सुरक्षित घर कहे जाने वाले गिर अभयारण्य में बरसों पहले मालधारियों का भी घर था. ‘माल’ यानी संपति यानी पशुधन और ‘धारी’ का मतलब ‘संभालने वाले’. इस तरह पशुओं को संभाल कर, पाल कर मालधारी अपनी आजीविका चलाते थे. एक दिन पता चला कि अब इस इलाके में केवल शेर रहेंगे. फिर धीरे-धीरे मालधारियों को उनकी जड़ों से उखाड़कर फेंकने का सिलसिला शुरु हुआ. जंगल में मालधारी आज की...
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हरी वादियों का चितेरा
अस्सी के दशक की शुरुआत से ही एक अकेले व्यक्ति के शांत प्रयासों ने ऐसे ग्रामीण आंदोलन की नींव रखी जिसने उत्तराखंड की बंजर पहाड़ियों को फिर से हराभरा कर दिया। सच्चिदानंद भारती की असाधारण उपलब्धियों को सामने लाने का प्रयास किया संजय दुबे ने। (तहलका-हिन्दी से साभार) शायद ही कुछ ऐसा हो जो संच्चिदानंद भारती को उफरें खाल के बाकी ग्रामीणों से अलग करता हो। ये तो जब वो...
More »बस्तर के पिछड़ेपन के लिए नक्सल हिंसा जिम्मेदार
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बस्तर के पिछड़ेपन के लिए नक्सलियों को जिम्मेदार ठहराया है तथा कहा है कि आदिवासियों के विकास में रुकावट डालने वालों को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कल यहां ''भारत की अनुसूचित जनजातियां: कल, आज और कल'' विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी के इस आधुनिक दौर में भी यदि के बस्तर संभाग के आदिवासी...
More »सरदार सरोवर एवं इंदिरा सागर के पर्यावरणीय उपायों के शर्तों का घोर उल्लंघनः विशेषज्ञ समिति का अह??
भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा भारतीय वन सर्वेक्षण के पूर्व महानिदेशक डा. देवेन्द्र पांडेय की अध्यक्षता एवं 9 अन्य सदस्यों वाली नियुक्त की गई विशेषज्ञ समिति ने नर्मदा घाटी में अति विवादास्पद सरदार सरोवर परियोजना (एसएसपी) और इंदिरा सागर परियोजना (आईएसपी) के सुरक्षा उपायों से संबंधित सर्वेक्षण, अध्ययन व योजनाओं एवं उनके कार्यान्वयन पर हाल ही में मंत्रालय को अपनी दूसरी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की है। सूचना के...
More »आदिवासी अधिकारों का व्यापक उल्लंघन हो रहा है- जनसुनवाई का फैसला
“कहा जाता है कि हम लोग दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं क्योंकि देश में बड़े पैमाने पर चुनाव होता है। लेकिन लोकतंत्र का मतलब चुनाव नहीं होता, लोकतंत्र का मतलब होता है देश के फैसलों में जनता की भागीदारी और इस कसौटी पर देखें तो अपने देश में लोकतंत्र नहीं है-‘’सीधे ,सपाट और किसी आंदोलनकारी के मुंह से निकलने का आभास देते शब्द। लेकिन ये शब्द जस्टिस सुप्रीम कोर्ट के जज पी वी (रिटायर्ड)...
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