लुधियाना। पंजाब की मां अपने बच्चों को अन्य राज्यों की मां के मुकाबले कम स्तनपान कराती हैं। सर्वाधिक ग्रेजुएट महिलाओं वाले इस राज्य में स्तनपान को लेकर महिलाएं ज्यादा ध्यान नहीं देती हैं। इसीका परिणाम है कि पूरे पूरे देश का पेट भरने वाले पंजाब की माएं अपने ही बच्चों को दूध पिलाने में पिछड़ कर पांचवे नंबर पर पहुंच गई हैं। यदि केवल पंजाब की बात करें तो फिरोजपुर और...
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सरकार के इंतजार में कुंवारी रह गईं हमारी बेटियां
रांची। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सरकार ने 2010-11 में बीपीएल परिवारों की 10 हजार बेटियों की शादी कराने का लक्ष्य रखा था, लेकिन वह मात्र एक हजार लड़कियों के हाथ ही पीले करा सकी। नौ हजार सिर्फ इंतजार करती रह गईं। इससे अभिभावकों को उनके विवाह के लिए जमीन बेचनी पड़ी या कर्ज लेना पड़ा। कई तो पैसे के अभाव में अब तक कुंवारी हैं। इस मद में 10 करोड़...
More »बीच बहस में न्यूनतम मजदूरी
हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...
More »किसानों को मुआवजे में सिर्फ आश्वासन
भोपाल. प्रदेश में कर्ज से हारे 14 किसान जिंदगी गंवा चुके हैं,वहीं सरकार उनके मुआवजे के नाम पर वाहवाही लूटने में लगी है। नेता आश्वासन देकर भूल गए हैं। मौत का हाथ थामने वाले किसानों के परिवार लाचार और बेबस हैं। महीनाभर गुजर गया,लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। भास्कर ने जानी कुछ ऐसे ही परिवारों की हकीकत.. भाई की तेरहवीं के लिए भी उधार कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने वाले नंदकिशोर यादव की...
More »हमारे गांव सड़कों से वंचित क्यों ?
सीकर। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रस्तावों के सिलसिले में बुलवाई गई जिला परिषद की बैठक में सोमवार को अफसर जनप्रतिनिधियों के इस सवाल पर घिर गए कि हमारे गांव सड़क से वंचित कैसे हैं? इस पर तय हुआ कि 29 जनवरी तक और प्रस्ताव दिए जा सकते हैं। वहीं सदन में प्रश्नकाल पर प्रारंभिक सहमति हो गई है। पलसाना डेयरी में गड़बड़ी की शिकायत की जांच एक महीने में पूरी...
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