नयी दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय संविधान पीठ की आेर से निजता के अधिकार (राइट आॅफ प्राइवेसी) मामले पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्रार्इ) भी गंभीर दिखार्इ दे रहा है. कुछ मोबाइल एप्स द्वारा फोन ग्राहकों की सूचनाओं को मांगने के मामले को ट्राई गंभीरता से ले रहा है. नियामक के संज्ञान में यह तथ्य आया है कि कुछ मोबाइल एप्स द्वारा ऐसे सूचनाएं भी मांगी जाती हैं, जिनका...
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बाढ़ की चपेट में आधा हिंदुस्तानः डूबी खेती, 120 रुपये किलो बिक रहा टमाटर, प्याज भी कतार में...!
नयी दिल्लीः बीते तीन-चार दिनों से लगातार घटाटोप बारिश का दौर जारी है. इस वजह से फिलहाल करीब-करीब आधा हिंदुस्तान बाढ़ की चपेट में है. लगातार हो रही बारिश खरीफ फसलों की बुआर्इ करने वाले किसानों के लिए फायदेमंद है, लेेकिन सब्जियों खेती करने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसकी वजह यह है कि बारिश के पानी में सब्जियों की आवक मंडियाें तक कम हो गयी है,...
More »भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा
नई दिल्ली। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.681 बिलियन अमेरिकी डॉलर का इजाफा देखने को मिला है। 14 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर नए लाईफ टाइम हाई के साथ 389.059 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। इस इजाफे में फॉरेन करेंसी एसेट्स का प्रमुख योगदान रहा है। आरबीआई के डेटा में यह बात सामने आई है। आरबीआई की ओर से जारी...
More »शिक्षा: पास-फेल व्यवस्था पर शीघ्र पेश होगा बिल, 5वीं से 8वीं तक दो बार मौका: जावड़ेकर
कोलकाता: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को कहा कि पांचवीं से आठवीं कक्षा तक छात्रों को फेल न करने की नीति बदलने के लिए जल्द ही संसद में विधेयक पेश किया जायेगा. उन्होंने बताया कि पांचवीं से आठवीं तक बच्चों के मूल्यांकन के लिए दो परीक्षाएं होंगी. मार्च की परीक्षा में फेल होने वाले बच्चों को मई में एक मौका दिया जायेगा. इस परीक्षा में भी...
More »महसूस क्यों नहीं हो रहे अच्छे दिन-- आर सुकुमार
इस समय भारत के आर्थिक माहौल के बारे में दो प्रतिस्पद्र्धी कहानियां हैं। दोनों की प्रकृति भले ही एक-दूसरे से अलग हो, लेकिन हैं दोनों सही। जेपी मॉरगन के मुख्य अर्थशास्त्री साजिद जेड चिनॉय की इन्हीं पंक्तियों के साथ आज मैं अपनी बात शुरू करना चाहता हूं। चिनॉय का यह लेख 19 जुलाई को मिंट में प्रकाशित हुआ था। शीर्षक था- इंडियन इकोनॉमी : अ टेल ऑफ टू नैरेटिव्स। जिन पाठकों...
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