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हर पंचायत समिति होगी हाईटेक

राजस्थान की हर पंचायत समिति मुख्यालय को आईटी केंद्र बनाकर हाईटेक किया जाएगा। इनमें राजीव गांधी सेवा केंद्र स्थापित होंगे। राज्य सरकार इनके लिए दस करोड़ रुपए खर्च करेंगी। पंचायत समिति में बनने वाले एक केंद्र की लागत 26 लाख रुपये आएगी। जिसमें छह लाख रुपये पांच वर्षो के लिए फैसिलिटी मैनेजमेंट सर्विस की लागत भी शामिल है। इस योजना की वर्तमान कुल लागत 6162 लाख रुपये है, जिसमें से 1245 लाख रुपये पिछड़ा क्षेत्र...

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नरेगा भी नहीं बच पाया भ्रष्टाचार से

नई दिल्ली। भ्रष्टाचार और अनियमितताओं से सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरेगा [राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना] भी नहीं बच पाई है। एक सरकारी अध्ययन में कई राज्यों में नरेगा के लागू करने में बड़े स्तर पर अनियमितताएं और भ्रष्टाचार पाया गया है। कुछ क्षेत्रों में अधिकारियों ने केंद्रीय फंड को गलत तरह से खर्च किया है और कामगारों को अपना मुंह बंद करने के लिए कहा है। वीवी. गिरि राष्ट्रीय श्रमिक संस्थान के शोधार्थियों ने...

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कागजों में पक रहे पोषाहार के दाने

जोधपुर. राज्य सरकार ने भले ही गर्मी की छुट्टियों में ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत पोषाहार खिलाने का आदेश कर दिया हो, लेकिन हकीकत में बच्चे पोषाहार खाने आ ही नहीं रहे हैं, जबकि शिक्षक कागजों में विद्यार्थियों की 50 से 80 फीसदी उपस्थिति बताकर स्कूलों में खाना बना रहे हैं। अकाल की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग को सभी सरकारी विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश...

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मनरेगा अब पाठ्यक्रम में भी

नारायण बारेठ बीबीसी संवाददाता, जयपुर दुनिया में सबसे बड़ी रोज़गार योजनाओं में अपनी जगह बना चुकी भारत की 'महा-नरेगा' योजना ने अब एक विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में भी अपना स्थान बना लिया है. राजस्थान में कोटा स्थित वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय ने नरेगा के लिए 'महात्मा गाँधी मेट प्रमाणपत्र' कोर्स शुरू किया है. इसके तहत ऐसे सहयोगी बनाए जाएंगे जो नरेगा के तहत चलने वाली विभिन्न योजनाओं की निगरानी करने लायक़ बनेंगे, रेजिस्टर में...

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अक्षय तृतीया पर खूब हुए बाल विवाह

जयपुर, जासंकें : अक्षय तृतीया पर रविवार को राजस्थान में हजारों शादियां हुईं, इनमें कई बाल विवाह भी शामिल हैं। राजस्थान पुलिस ने कई स्थानों पर बाल विवाह रुकवाए भी। अक्षय तृतीया का सावा होने के कारण जयपुर सहित राज्य के प्रमुख शहरों में भीड़भाड रही। अधिकांश विवाह ग्रामीण क्षेत्रों में हुए। शादियों की अधिकता के कारण परिवहन के साधनों की कमी रही, वहीं आवश्यक वस्तुओं के दाम भी काफी बढ़ गए। ...

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