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एनजीटी की रविशंकर को फटकार, 'कुछ भी कहने और करने की छूट नहीं'

नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित विकास प्राधिकरण (एनजीटी) की ओर से दिल्ली स्थित यमुना के तट पर कराए गए आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम को लेकर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा गया कि श्री श्री रविशंकर का एनजीटी पर दिया गया बयान पक्षपातपूर्ण था। कोर्ट की ओर से कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर रविशंकर प्रसाद पर तल्ख टिप्पणी की गई। कोर्ट ने श्री श्री रविशंकर का पक्ष रख रहे वकील से कहा...

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झारखंड में मनरेगा : 72 करोड़ का भुगतान लंबित

रांची : वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान झारखंड में हुए मनरेगा कार्यों का करीब 72 करोड़ रुपये बकाया है. वहीं विलंब से भुगतान के लिए मजदूरों को करीब 22 लाख रुपये का मुआवजा भी नहीं मिला है. जिन मजदूरों को काम करने के 15 दिनों के अंदर मजदूरी नहीं मिलती, उन्हें लंबित मजदूरी का 0.05 फीसदी की मामूली दर से मुआवजा देने का प्रावधान है. कुल बकाया...

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खानपान थोपने की बेजा कोशिशें - मृणाल पांडे

पिछले कुछ समय से भारतीय खानपान के लोकतंत्र में मांसाहार के खिलाफ शाकाहार के स्वयंभू रक्षकों ने एक अजीब सा धावा बोल रखा है। भारतीय परंपरा की शुचिता बनाए रखने की अपील करते हुए वे देश के सभी लोगों को जबरन मांसाहार से शाकाहार की तरफ हांक रहे हैं। संभव है कि उनको किसी हद तक शाकाहारी धड़े के मन की बनावट की कुछ जानकारी हो, किंतु वे इस महत्वपूर्ण...

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बेड़ियों को तोड़ती मुस्लिम महिलाएं - नाइश हसन

मशहूर शायर फैज अहमद फैज ने अरसा पहले अपनी एक नज्म के जरिए औरतों को झकझोरने की कोशिश की थी। नज्म कुछ यूं है, 'बोल कि लब आजाद हैं तेरे, बोल जुबां अब तक तेरी है। उनकी इस नज्म ने महिलाओं पर गहरा असर डाला। यह नज्म जगह-जगह गुनगुनाई जाने लगी और अब इसका असर भी दिखने लगा है।   यूं तो औरतों पर बंदिशों की कमी नहीं, लेकिन मुस्लिम समुदाय में...

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लाभ-हानि के पलड़े पर यूबीआइ-- रीतिका खेड़ा

साल 2016-2017 के आर्थिक सर्वेक्षण के ठीक पहले वित्त मंत्रालय से छन कर आनेवाली खबरों में यूबीआइ के बारे में खूब चर्चा थी. यूबीआइ के दो मुख्य सिद्धांतों में एक तो इसकी सार्वभौमिकता है, ताकि सभी नागरिक इसके अंतर्गत आ सकें. और दूसरा, एक ‘बुनियादी आय' है, जिसके बल पर किसी अन्य उपार्जन के बगैर भी एक गरिमापूर्ण जीवन जीया जा सके. पर, इस दिशा में अब तक जिन विचारों...

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