-गांव कनेक्शन, कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए हुए लॉकडाउन से परेशान लोगों को मोबाइल और ज्वैलरी और जमीन तक बेचनी पड़ी, पड़ोसियों और दोस्तों से उधार और कर्ज़ लिया, बावजूद इसके 74% ग्रामीण, कोरोना महामारी से लड़ने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट दिखें। गांव कनेक्शन द्वारा कोविड-19 लॉकडाउन के बाद किए गए ग्रामीण भारत के पहले राष्ट्रव्यापी सर्वे में ऐसी कई रोचक...
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भारत में कोविड-19 से लगभग 200 डॉक्टरों की मौत हुई है: आईएमए
-द वायर, भारतीय चिकित्सा संगठन (आईएमए) ने कहा है कि देश में अब तक कुल 196 डॉक्टरों की कोविड-19 से मौत हो चुकी है. संगठन ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वह इस मुद्दे पर ध्यान दें. शनिवार को आईएमए ने चिंता जताते हुए कहा, ‘आईएमए की तरफ से एकत्रित नवीनतम आंकड़े के मुताबिक हमारे देश ने 196 डॉक्टरों को खो दिया, जिनमें से 170 की उम्र 50 वर्ष से अधिक थी...
More »कोविड से जूझ रहे सरकारी अस्पतालों के बीच निजी क्षेत्र पर शिफ्ट हुआ ‘मोदीकेयर’ बिजनेस
-द प्रिंट, दो महीने की अनलॉकिंग के बाद ज़्यादातर राज्यों में, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जे) का इस्तेमाल, लॉकडाउन से पहले के स्तर पर आ गया है. लेकिन इसमें एक पेंच है. सरकारी सुविधाओं के कोविड केयर में फंसे होने के कारण, ज़्यादातर राज्यों में पीएम-जे क्लेम्स में निजी अस्पतालों की हिस्सेदारी काफी बढ़ गई है. पीएम-जे सरकार की एक प्रमुख स्वास्थ्य बीमा स्कीम है. ये आयुष्मान भारत का हिस्सा है जिसमें...
More »नई शिक्षा नीति में क्या है नया और किन मुद्दों पर हो रहा इसका विरोध?
-गांव कनेक्शन, केंद्र सरकार ने बुधवार शाम कैबिनेट बैठक कर नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस नई शिक्षा नीति की घोषणा करते हुए केंद्र सरकार के प्रवक्ता और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसे 'ऐतिहासिक' बताया, जबकि मानव संसाधन विकास मंत्री (अब शिक्षा मंत्री) रमेश पोखरियाल निशंक ने इसे शिक्षा के क्षेत्र में नई युग की शुरूआत बताई। भारत में 34 साल बाद नई शिक्षा...
More »आंकड़े बताते हैं, लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए आयुष्मान भारत योजना ‘वरदान’ साबित नहींं हुई
-द प्रिंट, प्रधानमंत्री की जन आरोग्य योजना (पीएम-जय), प्रधानमंत्री मोदी की स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत के अंतर्गत आनेवाली की तीसरी फ्लैगशिप योजना है. जिसे यह बताया जा रहा है कि यह कोविड-19 के लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए वरदान साबित हुई है. हालांकि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, इस योजना का प्रबंधन करने वाली एजेंसी के आंकड़ों से पता चलता है कि इस योजना का प्रवासी मजदूर समूह को सरकार के...
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