नयी दिल्ली : भूख की मार झेल रहे लोगों की संख्या भारत में 9.5 प्रतिशत घट कर 19.07 करोड़ पर आ गयी, जो दो दशक पहले 21.08 करोड़ थी. वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान में ऐसे लोगों की संख्या इस अवधि में 38 प्रतिशत तक बढ़ गयी है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. हालांकि दक्षिण एशिया में सबसे अधिक भूखे लोगों के मामले में भारत (19.07 करोड)...
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अमेरिका में एक करोड़ की आबादी प्रतिदिन दो डॉलर से भी कम में जीने को मजबूर
वॉशिंगटन। भारत की 80 फीसदी आबादी के बारे में अक्सर कहा जाता है कि ये लोग प्रतिदिन दो डॉलर से भी कम में जीवन यापन करते हैं। लेकिन अब ऐसी ही खबर अमेरिका से भी आने लगी हैं। यहां एक करोड़ लोग प्रतिदिन दो डॉलर में यानी 120 रुपए के खर्च के साथ जीते हैं। ऐसे लोग फूड स्टाम्प, सामाजिक कल्याण और स्कूलों में दिए जाने वाले मुफ्त भोजन पर...
More »जम्मू-कश्मीर : झेलम-चनाब का शोर और जल आयोग की चुप्पी
देश भर में बाढ़ की स्थिति का पूर्वानुमान लगाने और राज्यों को इस बारे में आगाह करने की जिम्मेवारी संभालने वाला केंद्रीय जल आयोग क्या जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ के मामले में अपनी भूमिका निभाने में नाकाम रहा है ? पर्यावरण और प्राकृतिक आपदा के मुद्दे को लेकर सक्रिय स्वयंसेवी संस्था साऊथ एशिया नेटवर्क ऑन डैमस्, रिवर्स एंड पीप'ल का कहना है कि केंद्रीय जल आयोग की तरफ से जम्मू-कश्मीर राज्य...
More »रफ्तार की रोड से गायब होती साइकल
कहा जाता है साइकल का मतलब है सादगी और सादगी का मतलब खुशी। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री जॉन हावर्ड के मुताबिक साइकल दुनिया का सबसे शानदार वाहन है। इसका यात्री ही इसका इंजन होता है। यह बात आज के दौर में मौजूं है, लेकिन नए जमाने की पक्की सड़कों से साइकल नदारद होती जा रही है। समय की कमी, रफ्तार की मांग, ऑटो सेक्टर में इनोवेशन और परिवहन के नए...
More »मध्य वर्ग : सब कुछ है आशियाना नहीं - अभिषेक कुमार सिंह
अक्सर कहा जाता है कि पिछले एक-डेढ़ दशक से देश में मध्य वर्ग का दायरा तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन ऐसा लगता नहीं कि सरकार की नीतियों में उसका कहीं कोई प्रतिनिधित्व है। एक मिसाल अफोर्डेबल हाउसिंग जैसे नारे की है, जिसमें निचले तबकों की जरूरतों को तो ध्यान में रखा जा रहा है, लेकिन मध्य वर्ग उसमें कोई जगह नहीं हासिल कर पाया है। नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड...
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