-विलेज स्कवायर, देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान, शहरों और कस्बों में ज्यादातर गतिविधियाँ थम गई हैं। अभूतपूर्व संकट के इस समय, कई सकारात्मक ताकतों के बीच एक शानदार मिसाल डेरी किसान महिलाएं हैं, जिन्होंने हालात के सामने झुकने से इनकार कर दिया है। पुणे जिले के तालेगाँव के पास मावल गाँव की, मावल डेयरी फार्मर्स सर्विसेज प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की दमदार...
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क्या दिल्ली के रैनबसेरों में मजदूर ठीक-ठाक से रह रहे हैं?
-न्यूजलॉन्ड्री, राष्ट्रीय राजधानी में काम के अवसरों पर ताला लगते ही मजदूरों की बड़ी संख्या वापस अपने गांव-कस्बों में पहुंच चुकी है. लेकिन कुछ ऐसे भी मजदूर परिवार थे जो पुलिसिया सख्ती के कारण दिल्ली की सीमा को भेद नहीं पाए. आखिर यह सभी कहां हैं और कोरोना विषाणु से भयभीत इस दुनिया में उनके लिए क्या इंतजाम हो पाए हैं? "सर, यह रैनबसेरा काट रहा है? दो दिन हो गए. घर-परिवार...
More »भोजन का अधिकार अभियान चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता राहत कार्यों के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री से मिले
-प्रेस नोट-भोजन का अधिकार अभियान, भोजन का अधिकार अभियान, झारखंड के प्रतिनिधि आज झारखंड के मुख्यमंत्री से मिले राहत योजनाओं के कार्यान्वयन व विस्तार की आवश्यकता पर चर्चा करने के लिए. अभियान ने कल खाद्य आपूर्ति मंत्री से मिलकर खाद्य राहत सम्बंधित मुद्दों और मांगों पर चर्चा की थी. दोनों पत्र संलग्न है. अधिक जानकारी के लिए अशर्फी नन्द प्रसाद ( 7488609805 ) से संपर्क करें. झारखंड के मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र का उपयोग करने...
More »कभी घर-घर सर्वे, कभी थोड़ी जासूसी, कभी ढोलक की थाप: कौन हैं ये गुमनाम "कोरोना वॉरियर्स", महामारी से लड़ती हुई ये दस लाख की पैदल सेना ?
-गांव कनेक्शन, खबर पक्की थी। फोन गुपचुप आया था, "दीदी हमारे पड़ोस में बंबई से आये हैं।" उत्तर प्रदेश के अटेसुआ गाँव में शहर से वापस आये मजदूरों को कायदे से 14 दिन के लिए क्वारंटाइन होना था, लेकिन ग्राम प्रधान ने उनके तुरंत आने पर ऐसा नहीं करवाया था। गाँव की आशा कार्यकर्ता कुसुम सिंह (48) को पता था कि अगर प्रधान पर उन्होंने सीधे ऊँगली उठाई तो उनका विरोध...
More »इस कठिन समय में चरवाहों पर ध्यान देने की फुर्सत किसी को नहीं, तो क्या वे इतने ही गैर जरूरी हैं?
शाम होने को है. आसमान में बादलों ने अपना घेरा डाल लिया है. तितलियां उड़-उड़कर यह बतला रही हैं कि जुगनू का पट ओढ़े आएगी रात अभी. धीमे-धीमे हवा अपना ताना बुन रही है. बटेर झाड़ियों में छिप रहे हैं. मध्य प्रदेश राज्य के रतलाम ज़िले की झालरा तहसील का मामनखेड़ा गांव. यहां से करीब चार किलोमीटर दूर जंगल मे भेड़-बकरियों का बड़ा रेवड़ बैठा है. करीब 2000 से ज्यादा भेड़-बकरियां...
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