राजस्थान विधानसभा सचिवालय में चपरासी के 17 पदों के लिए 12,500 लोगों द्वारा आवेदन भेजना महत्वपूर्ण समाचार है. लेकिन, इसकी गंभीरता और बढ़ जाती है, जब यह पता चलता है कि चपरासी बनने के लिए कतार में खड़े उम्मीदवारों में 129 इंजीनियर हैं, 23 वकील हैं, एक चार्टर्ड एकाउंटेट हैं, 393 स्नातकोत्तर हैं और 1,500 से अधिक स्नातक हैं. जबकि इस पद के लिए मात्र पांचवीं पास होना पर्याप्त...
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ई-कचरे की अनदेखी के खतरे-- सतीश सिंह
बेकार मोबाइल, कंप्यूटर मदरबोर्ड, खराब हो चुके फ्रिज, वातानुकूलक आदि ई-कचरा की श्रेणी में आते हैं। आज की तारीख में ई-कचरा प्रबंधन केंद्रों में प्रबंधन के नाम पर ई-कचरे से कीमती धातुओं जैसे सोने, चांदी, प्लेटिनम और पैलेडियम के अंश को निकाले जाने का काम किया जा रहा है। कंप्यूटर के दूसरे हिस्सों को भी बेच दिया जाता है। हालांकि इस प्रक्रिया में जहरीली गैस निकलने की आशंका बनी रहती...
More »जीने का अधिकार और पानी का प्रश्न-- रमेश सर्राफ धमोरा
जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। मनुष्य चांद से लेकर मंगल तक की सतह पर पानी तलाशने की कवायद में लगा है, ताकि वहां जीवन की संभावना तलाशी जा सके। पानी की महत्ता को हमारे पूर्वज भी अच्छी तरह जानते थे। जीवन के लिए इसकी आवश्यकता और उपयोगिता का हमारी तमाम प्राचीन पुस्तकों व धार्मिक कृतियों में व्यापक उल्लेख मिलता है। जल न हो तो...
More »अब ऐसे अपनी अंग्रेजी मजबूत करेंगे सरकारी स्कूल के बच्चे
सिलीगुड़ी : सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले विद्यार्थियों की अंग्रेजी में पकड़ मजबूत करने के लिए राज्य शिक्षा विभाग तकनीकी का सहारा लेने जा रही है. बताया जा रहा है कि इसके लिए राज्य का तकनीकी विभाग एक विदेशी संस्था के साथ मिलकर ऐसे चिप का निर्माण करने जा रहा है जिसमें अंग्रेजी ग्रामर के साथ ही स्पोकन इंगलिश पर जोर दिया गया है. सूत्रों से पता चला है कि मार्च...
More »मध्य प्रदेश: मिड डे मील के नाम पर रोटी-नमक और पीने को गंदा पानी
मध्य प्रदेश के छतरपुर में बच्चों को सरकारी स्कूल में मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं के आभाव का एक मामला सामने आया है. छतरपुर स्थित गांव सूरजपुरा में बच्चों को मध्याह्न भोजन के नाम पर सिर्फ रोटी और नमक ही दिया जा रहा है. एक ओर सरकार स्वच्छता को लेकर कसीदे पढ़ रही है, तो वहीं सरकारी स्कूल मे पढ़ने वाले बच्चों को पीने के लिए साफ पानी भी उपलब्ध नहीं है....
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