संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार द्वारा जिन 81 विधेयकों को पेश किया जाना प्रस्तावित है, उनमें एक विधेयक ऐसा भी है जो 1987 से ही विचाराधीन है। कानून बनने से पहले उसे संसद की सहमति का इंतजार है। विधेयकों का ढेर लगने से भारतीय संसद में किस तरह कामकाज चलता है, इसका अंदाजा लगाया जाना मुश्किल नहीं है। भारतीय चिकित्सा परिषद से संबंधित है विधेयक लगभग तीन दशकों से विचाराधीन...
More »SEARCH RESULT
पंचायतों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण
नई दिल्ली। पंचायत के सभी स्तरों में महिलाओं के आरक्षण को एक तिहाई से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने संबंधी विधेयक में आवश्यक सरकारी संविधान संशोधन पेश करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने गुरुवार को मंजूरी दे दी। महिलाओं को पंचायतों में हर स्तर पर 50 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान करने वाले इस एस सौ दसवें संविधान संशोधन विधेयक को 26 नवंबर 2009 में लोकसभा में पेश किया गया था।...
More »कितना खतरनाक है अन्ना का सपना!-- पुण्य प्रसून वाजपेयी
अगर यह आजादी का दूसरा आंदोलन है, तो क्या आप दूसरे महात्मा हैं. मैं तो महात्मा गांधी के पांव की धूल भी नहीं हूं. लेकिन एक बात कहूंगा भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने जो एहसान हम देशवासियों पर छोड़ा है, उसका एक अंश भी अगर हम देश को बनाने में चुका दें, तो बहुत बड़ी बात होगी. और हमारा संघर्ष यही है. आमरण अनशन तोड़ने के बाद अन्ना हजारे के...
More »लोकपाल कानून : अभी दूर की कौड़ी है लोकपाल कानून
भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे की मुहिम के बाद सरकार लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति के गठन और इसे मानसून सत्र में सदन में पेश करने के लिए शनिवार को राजी हो गई। इससे सरकारी तंत्र में शीर्ष स्तर पर फैले भ्रष्टाचार पर नकेल कसने में मदद मिल सकती है, लेकिन यह तो शुरुआत है। इस बिल के कानून बनने का सफर काफी लंबा हो सकता...
More »सुप्रीम कोर्ट का भाजपा सरकार को झटका, ठाकरे ट्रस्ट से छिनी जमीन
भोपाल. सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी में कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट को मिली 20 एकड़ जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया है। शीर्ष अदालत ने आवंटन को अवैध करार देते हुए सरकार को आदेश दिया है कि 15 दिन के भीतर ट्रस्ट से जमीन वापस ली जाए। ट्रस्ट ने शाहपुरा थाने के पीछे बावड़ियाकलां की यह जमीन भाजपा कार्यकर्ता-पदाधिकारियों के लिए प्रशिक्षण संस्थान खोलने के लिए ली थी। जस्टिस जीएस सिंघवी और एके गांगुली की पीठ...
More »