नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आम आदमी को त्वरित न्याय मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने राज्य सरकारों से जल्दी से जल्दी ग्राम अदालतें स्थापित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ग्राम न्यायालय अधिनियम पारित कर चुकी है। अगर राज्य सरकारें इसे अमल में लाएं तो पूरे देश में पंचायत स्तर पर 5000 से ज्यादा अदालतें पूरी तस्वीर बदल सकेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अदालतों में ढाई करोड़ मुकदमे...
More »SEARCH RESULT
आरटीआई कार्यकर्ता सतीश शेट्टी की हत्या
पुणे। पुणे के निकट बुधवार को कुछ अज्ञात लोगों ने सूचना के अधिकार [आरटीआई] के जानेमाने कार्यकर्ता सतीश शेट्टी की हत्या कर दी। शेट्टी पर तालेगांव इलाके में उस समय हमला किया गया जब वह सुबह की सैर पर निकले थे। अस्पताल में उनकी मौत हो गई। तालेगांव-लोनावला इलाके में भूमि घोटालों के खुलासों का श्रेय शेट्टी को ही जाता है। तालेगांव थाने के अधिकारी प्रदीप अफाले ने बताया,...
More »सूचना के दायरे में आते हैं चीफ जस्टिस : हाईकोर्ट
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो : दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि भारत के प्रधान न्यायाधीश का पद सूचना के अधिकार कानून के दायरे में आता है। अपने 88 पन्नों के फैसले में चीफ जस्टिस अजीत प्रकाश शाह, जस्टिस विक्रमजीत सेन और जस्टिस डा.एस.मुरलीधर की फुल बेंच ने कहा कि न्यायिक स्वतंत्रता किसी न्यायाधीश का विशेषाधिकार नहीं, बल्कि उसे सौंपी गई जिम्मेवारी है। हाईकोर्ट का यह फैसला देश के प्रधान न्यायाधीश के.जी.बालाकृष्णन के लिए एक निजी धक्के...
More »चीफ जस्टिस का दफ्तर भी आरटीआई के दायरे में
नई दिल्ली. एक ऐतिहासिक फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच ने कहा है कि देश के चीफ जस्टिस का दफ्तर भी सूचना के अधिकार के दायरे में आता है। साथ में ही इस कानून के तहज जजों को अपनी संपत्ति का भी ब्यौरा देना होगा। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एपी शाह और जस्टिस एस.मुरलीधर और विक्रमजीत सेन की बेंच ने कहा उच्च न्यायपालिका जनता के लिए उतनी ही अधिक जिम्मेदार होती है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री...
More »बगैर सुनवाई आयोगों ने लौटाए मामले
नई दिल्ली। आरटीआई आवेदकों की लंबित अर्जियों के बढ़ते बोझ से निपटने के देशभर के सूचना आयोगों के तरीकों पर हुए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि कुछ आयोगों ने मामले बिना सुनवाई किए ही सार्वजनिक प्राधिकारों को लौटा दिए। अध्ययन कहता है कि इनमें दोनों तरह के मामले थे जिनके तहत प्रथम अपीलीय प्राधिकार ने या तो कोई भी आदेश नहीं दिया था या आदेश दिया लेकिन...
More »